हिचकी की बीमारी से मौत पर प्राइवेट क्‍लीनिक में जमकर हंगामा, औरंगाबाद में जान बचाकर फरार हुए डॉक्‍टर

पुलिस को देख आक्रोशित लोगों ने पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद पुलिस वापस जाओ कहते हुए खदेडऩा शुरू कर दिया। कुछ देर के लिए प्रशासन को हटना पड़ा। काफी संख्या में पुलिसबल को बुलाया गया और जाम को हटाया गया।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 08:07 AM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 11:53 AM (IST)
हिचकी की बीमारी से मौत पर प्राइवेट क्‍लीनिक में जमकर हंगामा, औरंगाबाद में जान बचाकर फरार हुए डॉक्‍टर
रफीगंज निजी क्लिनिक में मरीज की मौत के बाद हंगामा, सांकेतिक तस्‍वीर।

रफीगंज (औरंगाबाद), संवाद सूत्र। रफीगंज-कासमा पथ पर पचार बाजार स्थित एक निजी क्लिनिक में हिचकी के मरीज की मौत के बाद स्वजनों ने जमकर हंगामा किया। इतना ही नहीं लोगों ने सड़क जाम कर दिया और समझाने आए पुलिस के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की।

जानकारी के अनुसार, कासमा थाना क्षेत्र के देवकली गांव के 65 वर्षीय राम सुंदर सिंह को हिचकी की बीमारी थी। दो दिनों से निजी क्लीनिक में उनका इलाज चल रहा था। गुरुवार की शाम इलाज के दौरान क्लिनिक में ही उनकी मौत हो गई। इसके बाद स्‍वजनों आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे। स्वजनों के कड़े तेवर को देख डाक्टर क्लीनिक छोड़कर फरार हो गए। स्वजनों ने घटना के बाद पचार बाजार के मुख्य सड़क को जाम कर दिया।

पुलिस-प्रशासन मुर्दाबाद के लगे नारे

इधर, घटना के बाद मृतक की पत्नी लक्ष्मी देवी एवं पुत्री पूनम देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। सूचना पर रफीगंज थाना प्रभारी रमेश कुमार सिंह दलबल के साथ पहुंचे। पुलिस को देख आक्रोशित लोगों ने पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद, पुलिस वापस जाओ कहते हुए खदेडऩा शुरू कर दिया। कुछ देर के लिए प्रशासन को हटना पड़ा। काफी संख्या में पुलिसबल को बुलाया गया और जाम को हटाया गया। जाम करने वालों को पुलिस द्वारा खदेड़ दिया गया। क्लीनिक से शव को उठाकर पुलिस थाने ले आई।

स्‍वजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

थानाध्यक्ष रमेश कुमार सिंह ने बताया कि स्वजन थाने पर आकर बोले कि मामले में केस नहीं करना है। इसके बाद शव को स्वजन ले गए। राम सुंदर सिंह की पुत्री पूनम देवी ने कहा कि क्लिनिक के डा. निरंजन कुमार से बार-बार हमलोग कह रहे थे जवाब दीजिए, यहां नहीं होगा तो दूसरी जगह पर इलाज करवाएंगे। इसके बावजूद भी डॉ ने जवाब नहीं दिया और पैसों की खातिर अपनी ही क्लिनिक में रखकर लापरवाही किए और पिता की मौत हो गई।

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