दूर नहीं हुई खाद की किल्‍लत, यूरिया के लिए किसान परेशान; रोहतास में कालाबाजारी का लगाया आरोप

रविवार को कृषि पदाधिकारी के निर्देश पर पंडरिया गोलू इंटरप्राइजेज व राजपुर पैक्स पर खाद वितरित की गई। वितरण की खबर सुनते ही किसान दोनों जगहों पर पहुंचे गए। पंडरिया में 60 बोरा खाद का बांटने के बाद दुकानदार द्वारा कहा गया कि अब खाद नहीं है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 05:09 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 05:09 PM (IST)
दूर नहीं हुई खाद की किल्‍लत, यूरिया के लिए किसान परेशान; रोहतास में कालाबाजारी का लगाया आरोप
किसानों ने खाद की कालाबाजारी का लगाया आरोप। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

संवाद सूत्र, राजपुर (सासाराम)। रोहतास प्रशासन के लाख प्रयास के बावजूद प्रखंड क्षेत्र में खाद की कालाबाजारी रुकने का नाम नहीं ले रही है। किसानों को यूरिया के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है। किसानों का आरोप है कि 266 की जगह उन्हें 470 से 500 रुपये प्रति बैग यूरिया खरीदनी पड़ रही है। किसान गोरख पासवान, सहदेव तिवारी, बडन दुबे समेत अन्य का कहना है कि किसान सलाहकार व समन्वयक द्वारा खाद के लिए दुकानों पर उन्हें यह कहकर भेजा जा रहा है, कि वहां 200 बोरी यूरिया का वितरण होगा। लेकिन, जब किसान वहां पहुंचकर लाइन लगाते हैं, तो  50-60  बोरी यूरिया बांटते ही कह दिया जा रहा है, कि खाद समाप्त हो गया।

किसानों ने कहा कि रविवार को कृषि पदाधिकारी के निर्देश पर पंडरिया गोलू इंटरप्राइजेज व राजपुर पैक्स पर खाद वितरित की गई। वितरण की खबर सुनते ही किसान दोनों जगहों पर पहुंचे गए। पंडरिया में 60 बोरा खाद का बांटने के बाद दुकानदार द्वारा कहा गया कि अब खाद नहीं है। वहीं राजपुर पैक्स पर यूरिया वितरण के लिए सुबह में ही किसानों के अलावा पुलिस भी पहुंची थी। लेकिन पैक्स अध्यक्ष द्वारा कहा गया कि अभी खाद आ रही है, दो बजे से बंटेगा। मायूस हो पांच से 10 किलोमीटर की दूरी से आएं किसानों को वापस लौटना पड़ा।

कृषि पदाधिकारी अनुज शर्मा ने कहा कि यूरिया की कालाबाजारी करने वाले के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। यूरिया की कोई कमी नहीं है। हर किसान को उचित मूल्य पर उर्वरक मुहैया कराने के लिए विभाग तैयार है। गौरतलब है कि विधायक, मंत्री से लेकर तमाम अफसरों ने खाद यूरिया की कालाबाजारी पर रोक लग जाने का दावा किया था। यह भी कहा था कि यूरिया और खाद की कमी नहीं है। किसानों को कोई परेशानी नहीं हो रही, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है।

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