आस्था के आगे कोरोना का डर फीका, मंदिर के प्रवेश द्वार पर श्रद्धालुओं ने की पूजा

गया। चैत्र नवरात्र की शुरुआत मंगलवार को मंगलमय माहौल में हुई। मातृशक्ति की आराधना के इस पर्व पर शहर से लेकर गांव का माहौल भक्तिमय बन गया है। जगह जगह पर देवी की पूजा की जा रही है। हालांकि कोरोना की वजह से आयोजन कई एहतियातों के बीच हो रहा है। शहर के प्रमुख शक्तिपीठ मां मंगला गौरी मां बागेश्वरी मां बगलामुखी मां संकटा माई मां दुखहरणी सहित कई मंदिरों में कलश की स्थापना की गयी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 07:28 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 07:28 PM (IST)
आस्था के आगे कोरोना का डर फीका, मंदिर के प्रवेश द्वार पर श्रद्धालुओं ने की पूजा
आस्था के आगे कोरोना का डर फीका, मंदिर के प्रवेश द्वार पर श्रद्धालुओं ने की पूजा

गया। चैत्र नवरात्र की शुरुआत मंगलवार को मंगलमय माहौल में हुई। मातृशक्ति की आराधना के इस पर्व पर शहर से लेकर गांव का माहौल भक्तिमय बन गया है। जगह जगह पर देवी की पूजा की जा रही है। हालांकि कोरोना की वजह से आयोजन कई एहतियातों के बीच हो रहा है। शहर के प्रमुख शक्तिपीठ मां मंगला गौरी, मां बागेश्वरी, मां बगलामुखी, मां संकटा माई, मां दु:खहरणी सहित कई मंदिरों में कलश की स्थापना की गयी है। कोरोना वायरस को लेकर मंदिर 30 अप्रैल तक बंद कर दिया गया। लेकिन नवरात्र के प्रारंभ में श्रद्धालुओं ने मंदिर के प्रवेशद्वार पर ही माता की आराधना कर रहे हैं। ---------------------

वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ कलश की हुई स्थापना

वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शहर में स्थित शक्तिपीठों में कलश की स्थापना की गई। साथ में मंदिर के पुजारी के द्वारा दुर्गा पाठ किया जा रहा है। मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूरी तरह से पाबंदी लगी है। जिससे एक भी श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश नहीं कर रहे हैं। शहर के दु:खहरणी स्थित मंदिर में तीन कलश की स्थापना की गई है। जबकि अन्य मंदिरों में एक कलश स्थापित किया गया। मंदिर के पुजारी पंडित चंद्र भूषण मिश्रा ने कहा कि तीन में एक मां सरस्वती, दूसरा मां लक्ष्मी एवं तीसरा मां दुर्गा के नाम से स्थापित है। ---------------------

सुबह से ही प्रवेश द्वार पर श्रद्धालुओं का लगने लगा जमावड़ा

पूजा अर्चना को लेकर सुबह से ही शहर स्थित मंदिरों के मुख्य द्वार पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगने लगा है। श्रद्धालु धूप अगरबत्ती नारियल फल, फूल आदि सामग्री से माता की आराधना कर रहे हैं। श्रद्धालुओं ने कहा कि आस्था के आगे कुछ भी नहीं है। अगर आस्था है तो प्रवेश द्वार पर भी मां विराजमान हैं। जिसे लेकर पूजा पाठ एवं दर्शन कर रहे हैं।

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