कांटों के ताज से कम नहीं फतेहपुर थानेदार की कुर्सी, नौ साल में बदल गए आठ अफसर, जानें क्‍या है इसका कारण

गया जिले के फतेहपुर थाना का थानाध्यक्ष का पद पिछले कई सालों से कांटों भरा ताज हो गया है।ताज को सरताज बनने के उद्देश्य से कई एसआइ ने धारण किया पर गत 9 साल में आठ थाना प्रभारी को ऐन केन प्रकरण में अपने पद से हटना पड़ा है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Thu, 03 Jun 2021 05:46 PM (IST) Updated:Thu, 03 Jun 2021 05:46 PM (IST)
कांटों के ताज से कम नहीं फतेहपुर थानेदार की कुर्सी, नौ साल में बदल गए आठ अफसर, जानें क्‍या है इसका कारण
फतेहपुर थाने के थानेदार का पद कांटों का ताज। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

संवाद सूत्र, फतेहपुर (गया)। गया जिले के फतेहपुर थाना का थानाध्यक्ष का पद पिछले कई सालों से कांटों भरा ताज हो गया है।ताज को सरताज बनने के उद्देश्य से कई एसआइ ने धारण किया पर गत 9 साल में आठ थाना प्रभारी को ऐन केन प्रकरण में अपने पद से हटना पड़ा है। सिर्फ दो थानाध्यक्ष को सम्मान विदाई मिल सका।

2012 से शुरू हुआ सिलसिला 2021 तक थमने का नाम नहीं ले रहा है। वर्तमान थानाध्यक्ष संजय कुमार पिछले एक दशक में सबसे कम दिन इस पद पर कार्यरत रहे। मात्र 4 माह 2 दिन में शराब बरामदगी के मामले में लापरवाही बरतने के कारण बुधवार को अपना पद गंवाना पड़ा।

13 सितंबर 2012 को तत्कालीन थानाध्यक्ष 1994 एसआइ प्रवीण कुमार को थाना क्षेत्र के रसलपुर महुगाइन में नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म की घटना में केस दर्ज करने में देरी होने के कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया था। वहीं अमरेन्द्र कुमार का रेंज में समय अवधि पुरा होने के कारण 7 फरवरी 2014 को उनका तबादला पटना रेंज में किया गया था।

इस दौरान उन्होंने ने फतेहपुर थानाध्यक्ष के पद पर 17 महीनों तक योगदान दिया। वहीं 2009 बैंच के एसआइ अखिलेश कुमार को 18 अगस्त 2015 को फतेहपुर में बढ़ते अपराधिक घटनाओं के कारण एसएसपी निशांत तिवारी ने लाइन क्लोज कर दिया।इस दौरान वह 18 माह चार दिन थानाध्यक्ष के पद पर कार्यरत रहे। वहीं लालमणि दुबे को क्षेत्र में एक सप्ताह के अंदर तीन लोगों की हत्या के उपरांत 31 अक्टूबर 2017 को एसएसपी गरिमा मल्लिक ने लाइन क्लोज कर दिया। इस दौरान वह 2 साल 2 माह 13 दिनों तक फतेहपुर थानाध्यक्ष के पद को सुशोभित किया।

वहीं उनके बाद थानाध्यक्ष के पद पर तैनात राकेश रंजन को मात्र दस महीने में ही अपना पद गंवाना पड़ा था। उनके उपर शराब के साथ पकड़ने गए बाइक को थाना से छोड़ने का आरोप लगा था। तत्कालीन एसएसपी राजीव मिश्रा ने वजीरगंज कैंप डीएसपी अभिजीत कुमार सिंह का मामले की जांच करने का आदेश दिया। जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद 4 अगस्त को उन्हें थानाध्यक्ष के पद से निलंबित कर दिया गया था। साथ ही उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दिया गया।

वहीं 12 अगस्त 2018 को इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी मनोज कुमार सिंह को फतेहपुर थानाध्यक्ष बनाया गया। करीब छः महीने तक उनके नेतृत्व में फतेहपुर थाना क्षेत्र की विधि व्यवस्था सुचारू रूप से चलाया गया।पर 11 फरवरी 2019 को उनका तबादला इंस्पेक्टर रैंक के थाना टिकारी का थानाध्यक्ष के पद पर नियुक्त होने के बाद फतेहपुर थानाध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ा। इनकी विदाई समारोह भी थाना परिसर में आयोजित किया गया था।

वहीं 12 फरवरी 2019 को थानाध्यक्ष के पद पर अबुजर हुसैन अंसारी की नियुक्ति किया गया। करीब 22 महीने तक थाना क्षेत्र की विधि व्यवस्था काफी बेहतर ढंग से चलाया गया। वहीं इनके नेतृत्व में वाहन जांच एवं मास्क जांच के दौरान काफी राजस्व की वसूली किया गया। वहीं कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान लागूं लाकडाउन के दौरान काफी सख्ती से नियम का पालन करना पर एक भुल के कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया। नाबालिग युवती के मामले में आरोपी के मामा के साथ मारपीट करने का आरोप लगा था। जिसके जांच के लिए एएसपी मनीष कुमार को एसएसपी राजीव मिश्रा ने निर्देश दिया। जांच रिपोर्ट में एएसपी ने मामले को सही पाया। जांच रिपोर्ट समर्पित करने के उपरांत 31 दिसंबर 2020 को निलंबित कर दिया गया।

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