भभुआ के दुर्गावती में किसानों को नहीं मिल रहा डीएपी खाद, यूपी से महंगे दाम पर डीएपी लाकर गेहूं की बुआई कर रहे किसान, आक्रोश
डीएपी खाद बिस्कोमान भवन से गायब है। डीएपी खाद की कमी से किसानों की चिंता बढ़ गई है। एक-दो माह से नहीं बल्कि तीन माह से बिस्कोमान भवन में डीएपी खाद नहीं है। किसान बाजार की दुकान से फास्फेट खरीद कर किसी तरह अपना काम चलाने को मजबूर हैं।
संवाद सूत्र, दुर्गावती: स्थानीय प्रखंड क्षेत्र में गेहूं की बुआई शुरू होते ही खाद की समस्या उत्पन्न हो गई है। डीएपी खाद बिस्कोमान भवन से गायब है। डीएपी खाद की कमी से किसानों की चिंता बढ़ गई है। एक-दो माह से नहीं बल्कि तीन माह से बिस्कोमान भवन में डीएपी खाद नहीं है। दो हजार बोरी यूरिया खाद मिली है। किसान बाजार की दुकान से फास्फेट खरीद कर किसी तरह अपना काम चलाने को मजबूर है। खाद की समस्या से चारों तरफ लोग जूझ रहे हैं। डीएपी खाद पर ही इस समय किसान निर्भर है। ऐसे में खाद किसानों को ससमय सरकार द्वारा उपलब्ध नहीं कराने से रबी फसल की बोआई पर संकट खड़ा हो गया है। इधर बाजार से भी डीएपी के गायब होने की बात बताई जा रही है। जबकि सभी प्रखंडों में रबी फसल की बोआई शुरू करने व तिलहन दलहन का पैदावार बढ़ाने के गुर किसानों को सिखाया जा रहा है। फिर भी डीएपी खाद की उपलब्धता नहीं कराई जा सकी है।
डीएपी का सरकारी गोदाम में नहीं मिलना किसानों के लिए परेशानी का सबब
अब तो किसान इस बात को लेकर चिंतित हैं कि धान कटने के बाद तुरंत खेतों की बोआई का कार्य करना है नहीं तो खेत उखड़ जाएगा और खेती पिछड़ जाएगी। ऐसे में सरकार द्वारा सरकारी संस्थाओं में गेहूं की बोआई के समय डीएपी खाद उपलब्ध नहीं कराई गई है। धान की कटनी भी शुरू हो चुकी है। गेहूं बोआई के लिए डीएपी खाद का सरकारी गोदाम में नहीं मिलना किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। अभी बाजार में डीएपी खाद भी उपलब्ध नहीं हो सकी है।
पड़ोसी राज्य से महंगे दाम पर डीएपी खरीदने की मजबूरी
किसान मजबूर होकर पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की दुकानों से महंगे दाम पर डीएपी और यूरिया खरीद कर ले आ रहे हैं। कई किसानों को यूपी में भी डीएपी नहीं मिल रही है। इसके चलते वैसे किसानों की गेहूं बोआई पूरी तरह प्रभावित हो रही है।