औरंगाबाद के 'गुरुकुल' नंदन के शिक्षालय से इंटर की पढ़ाई कर रहे 180 विद्यार्थियों की हुई विदाई

निशुल्क शिक्षा दान करनेवाले कुटुम्बा प्रखंड के डुमरी के सम्मानित शिक्षक नंदन ठाकुर के शिक्षालय में अध्ययन कर रहे 180 विद्यार्थियों को रविवार को विदाई दी गयी। सभी विद्यार्थी इंटर कक्षा में परीक्षार्थी हैं। इस स्‍कूल में परंपरा और सभ्‍यता का पाठ पढ़ाया जाता है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 09:34 AM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 09:34 AM (IST)
औरंगाबाद के 'गुरुकुल' नंदन के शिक्षालय से इंटर की पढ़ाई कर रहे 180 विद्यार्थियों की हुई विदाई
विदाई से पूर्व छात्राओं को संबोधित करते स्‍कूल के शिक्षक। जागरण।

संवाद सूत्र, अम्बा (औरंगाबाद)। नि:शुल्क शिक्षा दान करनेवाले कुटुम्बा प्रखंड के डुमरी के सम्मानित शिक्षक नंदन ठाकुर के शिक्षालय में अध्ययन कर रहे 180 विद्यार्थियों को रविवार को विदाई दी गयी। सभी विद्यार्थी इंटर कक्षा में परीक्षार्थी हैं। प्रतिवर्ष कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों को विदाई देने की परम्परा को शिद्द्त के साथ निभाने वाले नंदन इस अवसर पर बच्चों को आशीर्वचन दिलाने हेतु सम्मानित जनों को कार्यक्रम का अंग बनाते आए हैं।

रविवार के कार्यक्रम में समाजसेवी वरूण कुमार सिंह उर्फ जब्बर, शिक्षक व समाजसेवी विश्वजीत गुप्ता, प्रदीप कुमार गुप्ता, भरत ठाकुर ने बच्चों को आशीर्वचन देकर विदाई दी। वरूण ने कहा कि आधुनिक काल के गुरू परंपरा को प्राचीन गुरूकुल परम्परा से जोड़कर नंदन ने जिले में जो मिसाल कायम की है वह वंदनीय है। आर्थिक युग के इस छीना झपटी भरे काल में दशकों से नि:शुल्क शिक्षा दान करनेवाले नंदन ने योग्य शिष्यों की एक श्रृंखला तैयार की है। कुटुम्बा के अतिरिक्त नंदन देव एवं जिला मुख्यालय में भी नि:शुल्क शिक्षा दान करते आ रहे हैं। विश्वजीत गुप्ता ने कहा कि शिक्षक का आचार व्यवहार का उनके शिष्यों पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

आने वाले समय में नंदन की उक्त परंपरा को इनके शिष्य नयी उंचाई देकर जिले के गौरव को उच्चतम स्थान दिलाएंगे इससे इन्कार नहीं किया जा सकता है। विदा ले रहे छात्र छात्राओं की आँखे इस मौके पर छलक आई। छात्र छात्राओं ने गुरू के चरणों का स्पर्श कर सफलता के लिए उनसे आशीर्वाद मांगा। कुल 180 छात्र छात्राओं को विदा करते वक्त गुरू नंदन भी भावातुर हो गये। इस अवसर पर मनोज गुप्ता, पंकज कुमार, चंदन कुमार, प्रवीण कुमार समेत दर्जनों अतिथि मौजूद थे।

गौरतलब है कि नंदन को औरंगाबाद का गुरुकुल भी कहा जाता है। यहां गरीब और असहाय बच्‍चों को मुफ्त शिक्षा के साथ पठन-पाठन सामग्री भी उपलब्‍ध कराई जाती है। साथ ही परंपरा और सभ्‍यता का पाठ पढ़ाया जाता है।

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