भभुआ में आधी आबादी के सहारे चल रहा परिवार नियोजन कार्यक्रम, अधौरा, चैनपुर व नुआंव में दस माह में एक भी नही हुई नसबंदी

जनसंख्या स्थिरीकरण के मामले में लगभग 18 लाख से अधिक आबादी वाला कैमूर जिला अन्य जिलों की तुलना में पीछे चल रहा है। सच तो यह है कि आधी आबादी के सहारे ही परिवार नियोजन कार्यक्रम चल रहा है। इसका मूल कारण कार्यक्रम में पुरूष की अनदेखी ही है।

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 02:54 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 02:54 PM (IST)
भभुआ में आधी आबादी के सहारे चल रहा परिवार नियोजन कार्यक्रम, अधौरा, चैनपुर व नुआंव में दस माह में एक भी नही हुई नसबंदी
अधौरा, चैनपुर व नुआंव में दस माह में एक भी नही हुई नसबंदी

 जासं, भभुआ: जिले में विकास के अन्य कार्यक्रमों की रफ्तार भले ही क्रमश: परवान चढ़ रही है, लेकिन जनसंख्या स्थिरीकरण के मामले में लगभग 18 लाख से अधिक आबादी वाला कैमूर जिला अन्य जिलों की तुलना में पीछे चल रहा है। सच तो यह है कि आधी आबादी के सहारे ही परिवार नियोजन कार्यक्रम चल रहा है। इसका मूल कारण इस कार्यक्रम में पुरूष वर्ग का भागीदार न बनना ही है। पहाड़ी प्रखंड अधौरा में साक्षरता की दर कम होने से भले ही पुरूष वर्ग के लोगों ने नसबंदी नहीं कराया हो लेकिन चैनपुर व नुआंव प्रखंड में भी वर्ष 2021 के जनवरी से बीते अक्टूबर माह में एक भी पुरूष के द्वारा नसबंदी नही कराना गौर करने की बात है।

इससे स्पष्ट है कि निश्चित रूप से नसबंदी को लेकर पुरूष वर्ग में काफी भ्रम है। यथा नसबंदी कराने से पुरूष कमजोर हो जाता है तथा वह बाहर जाकर कार्य करने लायक नही रह पाता है। जबकि इस संबंध में एसीएमओ डॉ जितेंद्र नाथ सिंह का कहना है कि नसबंदी कराने से कोई कमजोरी नही होती है। मात्र प्रजनन की प्रक्रिया बाधित होती है। जिले में माह जनवरी से अक्टूबर तक के परिवार नियोजन कार्यक्रम के आंकड़ों के अनुसार कुल 4669 लोग परिवार नियोजन कराए हैं। इसमें पुरूष वर्ग की संख्या मात्र 29 है।

जनवरी से अक्टूबर 2021 तक प्रखंडवार परिवार नियोजन में शामिल लोगों का विवरण-

प्रखंड का नाम - महिलाएं- पुरूष

अधौरा - 222 - शून्य

भभुआ - 669 - 02

भगवानपुर - 310 - 07

चैनपुर - 559 - शून्य

चांद - 479 - 08

कुदरा - 421 - 01

दुर्गावती - 335 - शून्य

मोहनियां - 658 - 06

रामगढ - 334 - 03

नुआंव - 365 - शून्य

रामपुर - 288 - 02

क्या कहते है अधिकारी- डीआईओ सह प्रभारी सीएस डॉ आर. के. चौधरी ने बताया कि पुरुष वर्ग के नसबंदी के प्रति भ्रम को दूर करने के लिए विशेष पखवारों के दौरान लोगों को जागरूक करने का प्रयास चल रहा है। वर्तमान समय में 22 से चार दिसंबर तक पुरूष वर्ग के नसबंदी के लिए कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके लिए सभी पीएचसी प्रभारियों को नसबंदी व बंध्याकरण का लक्ष्य दिया जा चुका है। आगे भी पखवारा व विशेष शिविरों के माध्यम से परिवार नियोजन के लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।

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