गुस्‍से में गजराज: काबू करने के लिए पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा से आई टीम, गतिविधियों पर है पूरी नजर

नवादा में उत्‍पात मचाने वाले हाथी को पकड़ने के लिए पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा से विशेष टीम बुलाई गई है। यह टीम डीएफओ के नेतृत्‍व में कैंप कर रही है। फिलहाल हाथी गया के वजीरगंज थाना क्षेत्र में देखा गया है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 11:43 AM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 01:28 PM (IST)
गुस्‍से में गजराज: काबू करने के लिए पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा से आई टीम, गतिविधियों पर है पूरी नजर
हिसुआ इलाके में सड़क पार करता गजराज। जागरण फोटो।

जासं, नवादा /गया। नवादा जिले के नारदीगंज, हिसुआ और मेसकौर में चार लोगों की मौत की वजह बन चुका जंगली हाथी अब गया जिला क्षेत्र में प्रवेश कर गया है। हाथी को गया जिले के वजीरगंज थाना क्षेत्र के हमजा पहाड़ी पर देखा गया है। यह नवादा जिले की सीमा से करीब सात-आठ किलोमीटर की दूरी पर है। वन विभाग के मुताबिक हाथी के पैरों के निशान मिले हैं लेकिन अभी वह कहीं दिखा नहीं है। हाथी की हर गतिविधि पर वन विभाग के साथ पटना चिड़‍ियाघर और पुलिस की नजर तो है ही, पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले से हाथी पकड़ने में महारत रखने वाली टीम को भी बुलाया गया है।

झुंड से बिछड़ा हुआ है हाथी

गया के गुरुपा वन क्षेत्र के रेंजर मनोज कुमार ने बताया कि हाथी लगभग आठ फीट लंबा है। संभवत: वह झुंड से बिछड़ गया है। आज सुबह हेमजा में उसे देखा गया है। इसके बाद वह छिप गया है। तीन-चार घंटे बाद मूवमेंट कर सकता है। इधर वनकर्मियों का कहना है कि लगातार चलने के कारण हाथी थक गया होगा। थकान की वजह से शायद वह कहीं बैठ गया है। कुछ देर या रात में निकल सकता है। इधर नवादा के डीएम यशपाल मीणा ने बताया कि डीएफओ के नेतृत्‍व में पटना जू समेत वन विभाग, गया और बांकुड़ा से आई टीम कैंप कर रही है। उन्‍होंने बताया कि बांकुड़ा से जो टीम आई है, उन्‍हें हाथी की गतिविधियों को नियंत्रित करने में महारत हासिल है। इसके अलावा स्‍थानीय प्रशासन भी सजग है। ग्रामीणों को सतर्क रहने को कहा गया है।

जिधर से गुजरता गजराज, छा जाता था सन्‍नाटा

मदमस्त हाथी जब नारदीगंज थाना इलाके के बभनौली में बिनोद चौहान और हिसुआ के सकरा गांव में दो लोगों की जान लेकर आगे बढ़ा तो रास्‍ते में जैसे कर्फ्यू सा नजारा बन गया। सकरा के आसपास  के शिवनारायण बिगहा, नंद लाल बिगहा आदि गांवों के लोग सहमे रहे। आलम यह था कि हाथी जिस किसी गांव की ओर बढ़ता लोग घर का दरवाजा बंद कर अंदर कैद हो जा रहे थे। गांव से दूर बधार  की ओर जाने के बाद ही लोग बाहर निकलते थे। इधर गजराज अपनी गति से नरहट थाना इलाके में प्रवेश कर गया। मनमा गांव में भी एक किशोर को जख्मी किया। नरहट के गांवों से होते हुए हाथी मेसकौर प्रखंड के हसनचक जा पहुंचा। जहां खेत में काम कर रहे बालेश्वर यादव को बुरी तरह से कुचल दिया। इस दौरान हाथी के पीछे चल रहे किशोरों व नौजवानों को हाथी ने कई बार खदेड़ा। देर शाम होते-होते मेसकौर इलाके के ही एक किशोर छोटू कुमार की मौत हो गई। चार लोगों की मौत व करीब आधा दर्जन लोगों के घायल होने के बाद भी हाथी काबू में नहीं आ पाया है। 

क्यूआरटी हाथी को काबू करने में नाकाम

हाथी पर काबू पाने में नवादा, गया और पटना की क्विक रिस्पांश  टीम सफल नहीं हो सकी है। नवादा के डीएफओ अवधेश कुमार ओझा ने बताया कि हाथी को काबू में करने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गया जिले के गुरपा इलाके से नवादा जिले के सिरदला में हाथी का प्रवेश बुधवार को हुआ था। नवादा व गया के वन विभाग की टीम सतत निगरानी रख रही थी। बावजूद, रात में सिरदला से दूर नारदीगंज और हिसुआ इलाके के ग्रामीण क्षेत्र तक पहुंच गया। उन्होंने कहा कि प्रयास जारी है, जल्द ही हाथी पर काबू पा लिया जाएगा।

आश्चर्य में हैं वन अधिकारी

वन अधिकारी आश्चर्य में हैं कि हाथी मैदानी इलाके में कैसे पहुंच गया। वह भी कम से कम 25-30 किलोमीटर दूर। दरअसल, हाथी सिरदला के जिस इलाके में गया जिले की सीमा से प्रवेश किया था वहां से नारदीगंज और हिसुआ का इलाका कम से कम 25-30 किलोमीटर होगा। हाथी पर निगरानी रख रहे वन विभाग के दस्ते में शामिल लोग चकमा खा गए। हाथी मैदानी इलाके में घुसकर चार  लोगों की जान ले लिया।

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