कैमूर के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के पानी को रोकने की कवायद शुरू, संरक्षित पानी से किसान करेंगे सिंचाई

कैमूर जिले में पहाड़ों से रिसने वाले तथा बरसाती पानी को बर्बाद होने से बचाने की कवायद भूमि संरक्षण विभाग ने शुरू की है। भूमि संरक्षण विभाग रामपुर चैनपुर क्षेत्रों के गांवों में जल संरक्षण की संरचनाओं के अंतर्गत पक्का व कच्चे बांध के निर्माण का कार्य प्रारंभ किया है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 04:07 PM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 04:07 PM (IST)
कैमूर के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के पानी को रोकने की कवायद शुरू, संरक्षित पानी से किसान करेंगे सिंचाई
बरसाती पानी से किसान करेंगे खेतों की सिंचाई। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

जागरण संवाददाता,भभुआ। कैमूर जिले में पहाड़ों से रिसने वाले तथा बरसाती पानी को बर्बाद होने से बचाने की कवायद भूमि संरक्षण विभाग ने शुरू की है। भूमि संरक्षण विभाग जिले के पहाड़ी प्रखंड रामपुर, चैनपुर क्षेत्रों के अंतर्गत विभिन्न गांव में जल संरक्षण की संरचनाओं के अंतर्गत पक्का व कच्चे बांध के निर्माण का कार्य प्रारंभ किया है। विगत वर्षों में भी चैनपुर व अधौरा के चयनित गांव में चेकडैम, बांध के अलावा पाइन, आहर निर्माण के साथ उनके जीर्णोद्धार का काम कराया गया है।

इस संबंध में भूमि संरक्षण विभाग के परियोजना पदाधिकारी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि कैमूर जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के पानी के अलावा पहाड़ों से रिसने वाले पानी को संरक्षित कर उसे उपयोग में लाए जाने की कवायद प्रारंभ की गई है। इसके लिए विभाग द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत इस वित्तीय वर्ष में रामपुर और अधौरा प्रखंड क्षेत्रों के अंतर्गत कार्य कराया जा रहा है। रामपुर और चैनपुर प्रखंड क्षेत्रों में 150 पक्का चेकडैम व कच्चे बांध के निर्माण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि प्राप्त लक्ष्य में 22 पक्का चेकडैम व 128 कच्चे बांध का निर्माण कराया जाएगा। इसके निर्माण के लिए राशि का भी निर्धारण किया गया है। पक्का चेकडैम बनाने के लिए नौ लाख 11 हजार 700 रुपये प्रत्येक चेकडैम के लिए खर्च होगी। जबकि कच्चा बांध के लिए एक लाख 99 हजार की राशि निर्धारित की गई है।

रामपुर प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली भीतरीबांध पंचायत में पक्का चेकडैम के निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इसके अलावा कच्चे बांध के निर्माण का कार्य भी विभाग की देखरेख में कराया जा रहा है। भूमि संरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि विगत वर्ष प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 270 व राज्य योजना के तहत 150 वाटर हार्वेस्टिंग की संरचनाओं को जल संरक्षण के लिए पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में जिले के पहाड़ी प्रखंड क्षेत्र भगवानपुर, अधौरा ,रामपुर व चैनपुर में चेकडैम बनाकर जल संरक्षण किया जा रहा है। इसके अलावा आहर के जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा है। परियोजना पदाधिकारी ने बताया कि सभी निर्माण कार्य अक्षांश व देशांतर आधारित योजनाएं हैं। भूमि संरक्षण की योजनाओं के माध्यम से जल का संरक्षण कर पहाड़ी क्षेत्रों के किसानों को उनके खेतों में पानी की उपलब्धता कराना, बांध के आसपास के खेतों में पानी की उपलब्धता के साथ-साथ वन्य जीव जंतुओं को भी संरक्षित पानी का लाभ प्रदान करना मुख्य उद्देश्य है।

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