नवादा में डाटा अपलोड करने के लिए कार्यपालक सहायक ने मांगा नजराना, बीडीओ ने थमाया स्पष्टीकरण

नवादा के पकड़ीबरावां में सामाजिक सुरक्षा पेंशन का डाटा अपलोड करने के लिए नजराना मांगने के मामले में बीडीओ ने कार्यपालक सहायक पर कार्रवाई की है। उन्‍होंने जवाब-तलब करते हुए एक दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 03:16 PM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 03:19 PM (IST)
नवादा में डाटा अपलोड करने के लिए कार्यपालक सहायक ने मांगा नजराना, बीडीओ ने थमाया स्पष्टीकरण
डाटा अपलोड करने के लिए मांगी रिश्‍वत। प्रतीकात्‍मक फोटो

पकरीबरावां (नवादा), संवाद सूत्र। रिश्‍वतखोरी पर लगाम कसने के लिए सरकार कार्रवाई करती रहती है। अक्‍सर रिश्‍वतखोर पकड़े भी जाते हैं। बावजूद यह थम नहीं रहा। अब ताजा मामला नवादा के पकड़ीबरावां प्रखंड का है। यहां सामाजिक सुरक्षा पेंशन का डाटा अपलोड करने के लिए कार्यपालक ने एक हजार रुपये का नजराना मांगा। कार्यपालक सहायक शशि कुमार को यह नजराना मांगना महंगा पड़ गया है। इस बाबत बीडीओ डॉ अखिलेश कुमार ने शुक्रवार को स्पष्टीकरण करते हुए एक दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया।

एक हजार रुपये मांगा था नजराना

मामला यह है कि पोकसी पंचायत के  केशौरी गांव के वसाय मांझी की पत्नी गौरी देवी ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए 15 जून 2020 को कार्यालय में एक आवेदन दिया था। लेकिन वह स्वीकृत नहीं हुआ। इस कारण से वह वृद्ध महिला नौ महीने से कार्यालय का चक्कर काट रही थी।  कुछ दिन पूर्व इसी चक्‍कर में वह सामाजिक सुरक्षा के कार्यालय में गई तो वहां मौजूद कार्यपालक सहायक ने आवेदन को अपलोड करने के लिए एक हजार रुपये मांगे। यह सुनकर गौरी देवी हैरान रह गईं। काफी आरजू मिन्‍नत के बावजूद कार्यपालक सहायक कुछ सुनने को तैयार नहीं हुआ। तब उन्‍होंने इसकी शिकायत स्थानीय जनप्रतिनिधियों से की। जनप्रतिनिधियों ने बीडीओ तक बात पहुंचायी। तब जाकर मामला उजागर हुआ।

बीडीओ ने काटा एक दिन का वेतन

मामले ने धीरे-धीरे प्रखंड कार्यालय में तूल पकड़ लिया। मामला जब मीडिया तक पहुंचा तो बीडीओ से संपर्क किया गया। उन्होंने तत्काल उक्त सहायक को तलब किया। लेकिन वह अपने कार्यालय से गायब था। तब बीडीओ ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एक दिन का वेतन काटने का आदेश निर्गत कर दिया। साथ ही जवाब-तलब भी किया है। बता दें की इसके पूर्व भी अंचल कार्यालय बिचौलियों के चंगुल में फंस गया है। बिना नजराने के न तो दाखिल-खारिज होता और न ही जमीन से संबंधित कोई अन्य कार्य। इस कार्यालय में तो विभाग से ज्यादा बाहरी लोग ही टेबल पर बैठकर सभी प्रकार के काम निपटाते रहते हैं। जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था।

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