बसंत पंचमी के दिन अबूझ मुहूर्त में भी नहीं हो सकेंगे मांगलिक कार्य, इस समय शुभ काम करना होगा उत्तम

बसंत पंचमी के दिन अबूझ मुहूर्त में भी नहीं हो सकेंगे मांगलिक कार्य। वैदिक ज्योतिष में किसी भी ग्रह के अस्त होने की घटना महत्वपूर्ण मानी जाती है। हर साल सूर्य के निकट आने के कारण कुछ दिनों के लिए कोई न कोई ग्रह आकाश में नहीं दिखाई देता है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 02:31 PM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 02:31 PM (IST)
बसंत पंचमी के दिन अबूझ मुहूर्त में भी नहीं हो सकेंगे मांगलिक कार्य, इस समय शुभ काम करना होगा उत्तम
बसंत पंचमी के दिन अबूझ मुहूर्त में भी नहीं हो सकेंगे मांगलिक कार्य। प्रतीकात्‍मक चित्र।

संवाद सहयोगी, नवादा। इस साल बसंत पंचमी के दिन अबूझ मुहूर्त में भी नहीं हो सकेंगे मांगलिक कार्य। वैदिक ज्योतिष में किसी भी ग्रह के अस्त होने की घटना महत्वपूर्ण मानी जाती है। हर साल सूर्य के निकट आ जाने के कारण कुछ दिनों के लिए कोई न कोई ग्रह आकाश में नहीं दिखाई देता है। साल के इन दिनों को ग्रह अस्त के नाम से जानते हैं। इस दौरान शुभ कार्य जैसे विवाह जैसे शुभ कार्य शुक्र और गुरू ग्रह के अस्त काल में नहीं किए जाते हैं। 2021 के फरवरी माह में कुछ दिनों के लिए शुक्र ग्रह अस्त हो रहा है। जिसके कारण ग्रह अस्त अवधि में मांगलिक कार्यों पर रोक होगी।

शुक्र ग्रह अस्त 2021 तिथि और समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, शुक्र तारा पौष शुक्ल तृतीया यानी 14 फरवरी 2021 को अस्त हो रहा है जो चैत्र शुक्ल पक्ष की षष्ठी यानी 18 अप्रैल 2021 को उदित होगा।

किन कार्यों को करने की होगी मनाही

शुक्र ग्रह अस्त होने के कारण नींव पूजन, शादी, मुंडन, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्यों को करने की मनाही होगी। हालांकि इस दौरान नामकरण, पूजन-हवन, कथा, सगाई, वाहन और ज्वेलरी खरीदारी आदि शुभ कार्य किए जा सकते हैं।

बसंत पंचमी के दिन भी नहीं हो सकेंगे मांगलिक कार्य

इस साल 16 फरवरी 2021 को वसंत पंचमी है। शास्त्रों में इसे शादी-विवाह जैसे शुभ कार्यों के लिए अबूझ मुहूर्त माना गया है। हालांकि इस साल सूर्योदय के साथ शुक्र ग्रह के अस्त होने के कारण विवाह का योग नहीं बन रहा है।

ग्रह अस्त होने की घटना

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, किसी भी ग्रह के सूर्य के समीप आना उसे अस्त कर सकता है। जब शुक्र ग्रह का गोचर होता है और किसी विशेष स्थिति में सूर्य के इतना पास पहुंच जाता है कि दोनों के बीच 10 अंश का अंतर ही रह जाता है तो शुक्र ग्रह अस्त हो जाता है। शुक्र अस्त की स्थिति में वह शुभ फल देने में कमी कर सकता है।

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