कलयुग में देवी-देवता भी सुरक्षित नहीं, भगवान श्रीराम की संपत्ति बचाने के लिए अदालत पहुंचे सेवादार
कलयुग अपने चरम पर है। इस काल में देवी-देवता भी सुरक्षित नहीं। मंदिरों और मठों की जमीन पर कब्जा दानपात्र की चोरी जैसी घटनाएं आए दिन सुनने को मिलती हैं। चंद रुपयों की खातिर लोग भगवान की मूर्ति उनके मुकुट वस्त्र आदि बेच देते हैं।
जागरण संवाददाता, नवादा। कलयुग अपने चरम पर है। इस काल में देवी-देवता भी सुरक्षित नहीं। मंदिरों और मठों की जमीन पर कब्जा, दानपात्र की चोरी, जैसी घटनाएं आए दिन सुनने को मिलती हैं। चंद रुपयों की खातिर लोग भगवान की मूर्ति, उनके मुकुट, वस्त्र आदि बेच देते हैं। इसी से जुड़ा एक मामला नवादा में आया है।
भगवान रामचंद्र को जिला प्रशासन से नहीं मिला न्याय तो खटखटाया अदालत का दरवाजा। मामला नरहट थाना क्षेत्र के अवगिल गांव से जुड़ा है। बताया जाता है कि उक्त गांव स्थित ठाकुरवाड़ी की देखरेख तथा उसपर पर होने वाले खर्च के लिए पुजारी श्रीचंद पांडेय तथा आदित्य पांडेय ने निबंधित विक्रय विलेख के द्वारा 31 मई 1942 को भगवान रामचंद्र, भगवान जानकी एवं भगवान लक्ष्मण के नाम विभिन्न खेसरा का 75 डिसमिल भूमि खरीदा था।
नया सर्वे के दौरान सर्वे कर्मचारी ने उन भगवानों के सेवायत आदित्य पांडेय का दखल कब्जा खरीदी गई भूमि पर पाते हुए नया सर्वे खतियान भी भगवान श्री रामचंद्र जी, भगवान श्री जानकी जी एवं भगवान श्री लक्ष्मण जी के नाम दर्ज किया तथा सेवायत के रूप में पुजारी आदित्य पांडेय के नाम का उल्लेख किया। उक्त भूमि का जमाबंदी भी उन भगवान के नाम कायम है। किन्तु गांव के ही पिन्टू रावत एवं अन्य लोग भगवान के नाम रहे उक्त भूमि को दखल करने पर तुले हुए हैं।
वर्तमान सेवायत संजय वात्सयान ने उन भगवानों की संपत्ति की रक्षा के लिये नरहट थाना से लेकर पुलिस अधीक्षक तथा अंचल अधिकारी से लेकर डीएम तक गुहार लगाई। लेकिन, कोई भी प्रशासनिक पदाधिकारी ने संज्ञान नहीं लिया। फलत: उक्त सेवायत ने भगवान रामचंद्र, माता जानकी एवं लक्ष्मण की ओर से व्यवहार न्यायालय में वाद दायर कर न्याय की गहार लगाई है। अब लोग यह सोचने को मजबूर है कि आये दिन भूमि विवाद का निपटारा करने का दावा करने वाले जिला प्रशासन इस मामले पर ध्यान क्यों नहीं दी है।