ई-रिक्शा चालकों की मनमानी से पर्यटक परेशान
ई-रिक्शा की मनमानी से बोधगया में पर्यटक परेशान हैं।
गया। ई-रिक्शा से भले ही वातावरण प्रदूषित नहीं होता हो, लेकिन चालकों की मनमानी और यातायात नियमों की अनदेखी से शांतिभूमि पर आगत देशी-विदेशी पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। देखते-देखते अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल बोधगया में ई-रिक्शा की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। वर्तमान में ई-रिक्शा की संख्या पांच सौ से अधिक पहुंच गई है। इसके पीछे मूल कारण है कि न वाहन का रजिस्ट्रेशन और न चालक को लाइसेंस की जरूरत। ऐसे में चालकों को यातायात नियमों का ज्ञान हो तो कैसे? कुछेक ई-रिक्शा चालकों को एक संस्था द्वारा प्रशिक्षण दिए जाने का प्रमाण पत्र है। जिन्हें ई-रिक्शा परिचालन का प्रमाण पत्र दिया गया है, वे भी यातायात नियमों की अनदेखी करते हैं। शेष ई-रिक्शा चालक यातायात नियमों से पूर्णतया अनभिज्ञ हैं। ई-रिक्शा का परिचालन बोधगया में प्राय: विभिन्न होटल, मंदिर व मोनास्ट्री के अलावा बोधगया से दोमुहान तक परिचालन किया जाता है।
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पड़ाव स्थल निर्धारित नहीं
ई-रिक्शा को यातायात व्यवस्था के तहत बीटीएमसी ढलान तक प्रवेश की इजाजत है। जबकि ऑटो सहित अन्य वाहनों को नोड वन व चिल्ड्रेन पार्क तक रोका जा रहा है। ई-रिक्शा को प्रवेश की इजाजत तो दी गई, लेकिन इनके पड़ाव के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इसके कारण मुख्य सड़क पर कभी एक लाइन तो कभी दो लाइन में पड़ाव कर सवारी बैठाने और उतारने का काम करते हैं। इससे सड़क जाम की समस्या बनती है और आए दिन छोटी दुर्घटनाएं होती रहती हैं।
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यातायात थाना से
आवंटित है कोड
ई-रिक्शा को बोधगया यातायात थाना से कोड आवंटित है। आवंटित कोड को ई-रिक्शा के आगे और पीछे बड़े अक्षरों में अंकित कराकर लगाना अनिवार्य है। साथ ही एक स्टीकर आवंटित किया गया है। जिस पर कोड व चालक का नाम व आधार नंबर अंकित होता है। इसकी समय-समय पर जांच की जाती है, जिस ई-रिक्शा पर कोड व स्टीकर नहीं होता है। उस पर जुर्माने की कार्रवाई की जाती है। हालांकि इसमें एक ही कोड पर कई रिक्शा के चलने की शिकायत भी समय-समय पर यातायात थाना को मिलती है। उसके बाद कार्रवाई की जाती है।
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परेशान रहते हैं पुलिसकर्मी
यातायात थाना द्वारा ई-रिक्शा चालकों पर लगाम लगाने और व्यवस्थित ढंग से पड़ाव कराने के लिए बीटीएमसी ढलान पर अधिकारी के साथ-साथ महिला व पुरुष पुलिसकर्मी को तैनात किया जाता है। लेकिन ई-रिक्शा चालक किसी की नहीं सुनते। क्योंकि पुलिसकर्मी इन पर बल प्रयोग नहीं करते। यदाकदा इन पर यातायात नियम तोड़ने मामले में जुर्माने की कार्रवाई की जाती है।
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यातायात नियमों से अवगत कराने और उसका अनुपालन कराने को लेकर ई-रिक्शा चालकों के साथ समय-समय पर बैठक की जाती है। साथ ही गश्ती कर इसकी निगरानी भी होती है।
ओम प्रकाश अरुण, यातायात थानाध्यक्ष