उद्यमशीलता से जुड़े घटक एवं सिद्धांत राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए उपयोगी

गया राष्ट्रीय शिक्षा नीति के एक वर्ष पूरा होने पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से मिले दिशा-निर्देश के अनुसार दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय में बुधवार को एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 11:48 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 11:48 PM (IST)
उद्यमशीलता से जुड़े घटक एवं सिद्धांत राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए उपयोगी
उद्यमशीलता से जुड़े घटक एवं सिद्धांत राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए उपयोगी

गया : राष्ट्रीय शिक्षा नीति के एक वर्ष पूरा होने पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से मिले दिशा-निर्देश के अनुसार दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय में बुधवार को एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें विवि के कामर्स एंड बिजनेस स्टडीज विभाग द्वारा कौशल, उद्यमिता विकास और रोजगार योग्यता: चुनौतियां और अवसर विषय पर आयोजित व्याख्यान में देशभर से प्राध्यापकों, छात्रों एवं शोधार्थियों ने भाग लिया। मुख्य वक्ता के रूप में इंडियन इंस्टीट्यूट आफ इनफार्मेशन टेक्नोलाजी, इलाहबाद के प्रो. रंजीत सिंह ने अपने व्याख्यान की शुरुआत उद्यमिता की वैचारिक पृष्ठभूमि के साथ की। विभिन्न उद्यमशीलता माडल की चर्चा करते हुए प्रो. सिंह ने बताया कि कैसे उद्यमीय प्रयास की कामयाबी के लिए विचार की उत्पत्ति मूलभूत कारक है। उन्होंने रचनात्मक विनाश की बात की यानी जब तक पुराना नष्ट नहीं हो जाता, तब तक नया नहीं बनाया जा सकता। अन्य वक्ताओं में उद्यमशीलता से जुड़े शब्द न्यूडिग पर प्रकाश डाला। जिसका अर्थ है उद्यमिता को प्रोत्साहित करना, इसके साथ-साथ उन्होंने जोखिम सिद्धांत, बाध्यता और उद्यमशीलता की क्षमता को सुविधाजनक बनाने के लिए इनक्यूबेटरों की स्थापना आदि पर भी चर्चा की। प्रो. सिंह ने कहा कि उद्यमशीलता से जुड़े घटक एवं सिद्धांत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को सफल बनाने में काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं।

इससे पहले कार्यक्रम समन्वयक रेणु सहायक ने वक्ताओं एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए वेबिनार के विषय-वस्तु को संक्षेप में साझा किया। तत्पश्चात वाणिज्य और व्यवसाय अध्ययन विभाग के प्रमुख और अध्यक्ष प्रो. ब्रजेश कुमार ने कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह के मार्गदर्शन के लिए साधुवाद देते हुए मुख्य वक्ता प्रो. रंजीत सिंह, सभी विभागों के डीन, संकाय सदस्य और छात्रों का अभिवादन किया। कार्यक्रम के अंत में प्रश्नोत्तर के विचारोत्तेजक सत्र का आयोजन हुआ जिसमें मुख्य वक्ता ने प्रतिभागियों को प्रश्नों का उत्तर देने के साथ उन्हें आगे भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए विषय-वस्तु से जुड़े पहलुओं पर आगे भी विचार करने का आग्रह किया। वेबिनार का समापन वाणिज्य और व्यवसाय अध्ययन विभाग के एसोसिएट प्रो. सुब्रमण्यम शनमुगम द्वारा प्रस्तावित धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

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