बंदर की वजह से गई इंजीनियर की पत्नी की जान, खदेड़े जाने से गिर गई थी छत पर, रोहतास की घटना
करगहर के गांव में बंदर के खदेड़ने से गिरकर घायल एक महिला की इलाज के क्रम में रविवार की शाम मौत हो गई। मृतका 25 वर्षीय पूजा देवी प्रभाकर सिंह उर्फ लड्डू सिंह की पत्नी थीं। स्वजन गुड्डू सिंह ने बताया कि इंजीनियर प्रभाकर सिंह बंगलुरु में नौकरी करते थे।
करगहर (रोहतास), संवाद सूत्र। करगहर के गांव में बंदर के खदेड़ने से गिरकर घायल एक महिला की इलाज के क्रम में रविवार की शाम मौत हो गई। मृतका 25 वर्षीय पूजा देवी प्रभाकर सिंह उर्फ लड्डू सिंह की पत्नी थीं। स्वजन गुड्डू सिंह ने बताया कि इंजीनियर प्रभाकर सिंह बंगलुरु में नौकरी करते थे। कोरोना काल में वे सपरिवार घर आ गए थे। बीते मंगलवार को उनकी पत्नी पूजा देवी किसी काम से छत पर गईं, छत पर बंदरों का झुंड था। बंदरों ने उन्हें खदेड़ दिया। डर के मारे भागने के क्रम में पूजा छत पर ही गिर गईं, जिससे उनके सर में गंभीर चोट आई थीं। वे वहीं पर बेहोश होकर गिर पड़ीं। अचेतावस्था में उन्हें इलाज के लिए वाराणसी के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था। वहां इलाज के बावजूद दिन-प्रतिदिन उनकी तबियत बिगड़ती चली गई। रविवार की शाम इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इसकी खबर मिलते ही घर शोक की लहर दौड़ गई।
बंदरों के उपद्रव से लोगों का जीना मुहाल
इस घटना के बाद बंदरों को लेकर बाजार व गांव में दहशत का माहौल कायम है। स्थानीय लोगों ने सभी बंदरों को पकड़कर वन में छोड़ने की अपील प्रशासन से की है। बता दें कि क्षेत्र में बंदरों का उपद्रव चरम पर है। उनकी वजह से बुजुर्गों और बच्चों को काफी परेशानी होती है। घर से लेकर दुकान तक में ये बंदर घुसकर सामान को तहस-नहस कर देते हैं। लोगों का कहना है कि बंदरों की वजह से लाेग भय में रहते हैं। कई बार बंदरों के काटने की वजह से लोगों को रेबीज की सुई लेनी पड़ती है। इनको भगाने के लिए कई बार लोगों ने नगर परिषद समेत जिला प्रशासन से शिकायत की है। लेकिन इसका असर नहीं हुआ है। नतीजा है कि एक महिला की कम उम्र में ही जान चली गई।