पावर हाउस में जान जोखिम में डाल कर कार्य कर रहे बिजली कर्मी , मोहनियां परिसर में भरा है बाढ़ का पानी

पिछले सप्ताह दुर्गावती जलाशय से अचानक काफी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण मोहनियां के पावर हाउस में भी पानी घुस गया था। पावर हाउस में तीन फीट पानी जमा है। जिसमें चलकर कर्मी स्वीच से विद्युत आपूर्ति बंद व चालू करने जाते हैं।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Thu, 12 Aug 2021 09:20 AM (IST) Updated:Thu, 12 Aug 2021 09:20 AM (IST)
पावर हाउस में जान जोखिम में डाल कर कार्य कर रहे बिजली कर्मी , मोहनियां परिसर में भरा है बाढ़ का पानी
विद्युत आपूर्ति अवर प्रमंडल मोहनियां परिसर में भरा बाढ़ का पानी। जागरण फोटो।

मोहनियां (कैमूर), संवाद सहयोगी। विद्युत आपूर्ति अवर प्रमंडल मोहनियां के पदाधिकारी व कर्मी जान जोखिम में डाल कर कार्य कर रहे हैं। पावर हाउस में चारों तरफ तीन फीट पानी जमा है। जिसमें चलकर कर्मी स्वीच से विद्युत आपूर्ति बंद व चालू करने जाते हैं। बिजली के ट्रिप करने के बाद पावर हाउस में तैनात ऑपरेटरों को घुटने भर पानी में चलकर स्वीच से लाइन चालू करना पड़ता है। कहीं फाल्ट हुआ तो विद्युत आपूर्ति बंद करने के लिए स्वीच काटना पड़ता है। दस दिनों से यह समस्या कायम है।

पिछले सप्ताह दुर्गावती जलाशय से अचानक काफी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ आ गई थी। बाढ़ का पानी मोहनियां के पावर हाउस में भी घुस गया था। जिससे 24 घंटे तक पांच फीडरों विद्युत आपूर्ति बंद करनी पड़ी थी। पावर हाउस में पानी घुसने की सूचना पर कैमूर के डीडीसी कुमार गौरव, मोहनियां की एसडीएम अमृषा बैंस, विद्युत कार्यपालक अभियंता शंकर प्रसाद पहुंचे थे। पदाधिकारियों ने विद्युत आपूर्ति अवर प्रमंडल मोहनियां के पदाधिकारी के साथ जल निकासी पर काम शुरू किया।

वरीय पदाधिकारियों को बताया गया कि पावर हाउस नगर पंचायत में अवस्थित है। इसलिए नगर पंचायत द्वारा जल निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए। डीडीसी ने नगर पंचायत के  प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी सह मोहनियां के बीडीओ मनोज कुमार व कर्मियों को बुलाया। तत्काल दो डीजल पंप व एक विद्युत संचालित मोटर लगाकर जल निकासी शुरू की गई। लेकिन दुर्गावती नदी का जलस्तर कम नहीं होने के कारण जल निकासी नहीं हुई। अगले दिन सुबह में नदी का जलस्तर घटने के बाद पावर हाउस में जमा पानी को निकालने का काम शुरू हुआ। एक फीट पानी घटने के बाद पावर हाउस से विद्युत आपूर्ति प्रारंभ हो गई। इसके बाद नगर पंचायत ने जल निकासी का काम रोक दिया। इस सप्ताह में लगातार बारिश होने के कारण पुन: पावर हाउस में काफी जल जमा हो गया है। जिससे विद्युत कर्मियों को जान जोखिम में डालकर काम करना पड़ रहा है। पावर हाउस परिसर में ही कनीय विद्युत अभियंता का कार्यालय है। यहां उन्हें प्रतिदिन घुटने भर पानी में होकर जाना पड़ता है। जलजमाव के बीच काम करने में विद्युत कर्मी अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इस गंभीर समस्या पर नगर पंचायत का ध्यान नहीं है। जल निकासी की व्यवस्था नहीं हुई तो बारिश होने पर कभी भी पांच फीडरों की विद्युत आपूर्ति बंद हो सकती है। जिससे उपभोक्ताओं को काफी परेशानी होगी।

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