गया के भाजपा कार्यकर्ताओं ने कहा-जदयू का नहीं मिला साथ, इसलिए हार गए बोधगया और गुरुआ

बोधगया व गुरुआ का चुनाव हारने का ठीकरा भाजपा के कुछ वरिष्‍ठ कार्यकर्ताओं व जदयू पर फोड़ा गया है। भाजपा की जिला कार्यसमिति की बैठक में ये बातें उठाई गईं। कहा गया कि इन विधानसभा क्षेत्रों में जिला मुख्यालय से चुनाव के दौरान दौरा नहीं किया गया।

By Edited By: Publish:Wed, 13 Jan 2021 11:09 PM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 06:39 AM (IST)
गया के भाजपा कार्यकर्ताओं ने कहा-जदयू का नहीं मिला साथ, इसलिए हार गए बोधगया और गुरुआ
जिला कार्यसमिति की बैठक में मंचासीन डॉ. प्रेम कुमार व अन्‍य। जागरण

जेएनएन, गया। विधानसभा चुनाव का परिणाम पक्ष में नहीं आने पर भाजपा (BJP) में भी अंतर्कलह सामने आ रही है। साथ ही जदयू के प्रति भी कार्यकर्ताओं में नाराजगी दिखी। ये तथ्‍य बुधवार को भाजपा जिला कार्यसमिति की धर्मसभा भवन में हुई बैठक में सामने आई। कार्यकर्ताओं का कहना था कि भाजपा के कुछ वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की वजह से ही बिहार विधानसभा चुनाव में बोधगया व गुरुआ का चुनाव हार गए। जिला मुख्यालय से इन विधानसभा क्षेत्र में चुनाव के दौरान दौरा नहीं किया गया। पार्टी में जाति आधार के वरिष्ठ नेता रहने के बाद भी उस समाज का वोट नहीं मिला। जबकि उस समाज सबसे अधिक वोट शहरी विधानसभा में है। अगर थोड़ा प्रयास करते तो दोनों सीट पर भाजपा को जीत मिलती।

जदयू का भी नहीं मिला साथ

बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष धनराज शर्मा ने की। बैठक में प्रदेश मुख्यालय से वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रमोद कुमार चंद्रवंशी शामिल हुए। पार्टी कार्यकर्ताओं ने कहा कि दोनों विधानसभा में भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता के साथ-साथ जदयू का भी साथ नहीं मिला। इस कारण दोनों विधानसभा में हार का सामना करना पड़ा। नेताओं ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में हार के लिए अलग से मंथन किया जाएगा। कार्यसमिति की बैठक में बिहार में भ्रष्टाचार का उठा मुद्दा भी कार्यकर्ताओं ने उठाया। कहा कि बिहार में सुशासन की बात करना गलत है। यहां प्रधानमंत्री आवास योजना, शौचालय योजना, किसान सम्मान योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, सांसद निधि, विधायक, विधान पार्षद निधि, सड़क निर्माण योजना से लेकर पंचायत तक जो भी योजनाएं चल रही हैं उन सभी योजनाओं में 18 से 20 प्रतिशत काटा जाता है। पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार की बात पार्टी के वरिष्ठ नेता करते हैं लेकिन जब बिहार में भ्रष्टाचार मुद्दा उठाया जाता है, पार्टी के वरिष्ठ नेता मौन हो जाते हैं।

बैठक के औचित्‍य पर उठाए सवाल

भाजपा कार्यसमिति की पिछली बैठक में निर्णय लिया गया था कि विधान पार्षद चुनाव में कृष्ण कुमार सिंह उर्फ कुमार बाबू को उम्मीदवार बनाया जाएगा। लेकिन उसका कोई प्रतिफल नहीं निकला। फिर बैठक करने का क्या औचित्य है? जो निर्णय लिया जाता है, उसका अनुपालन प्रदेश से पंचायत स्तर तक निकलना चाहिए। प्रदेश के नेताओं ने कहा कि इससे प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को अवगत करा दिया जाएगा। 

बैठक में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए 15 जनवरी से 27 फरवरी तक धन संग्रहण, प्रशिक्षण शिविर 31 जनवरी, मंडल कार्यसमिति की बैठक- 20 जनवरी, सभी मंडलों में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर-4 फरवरी से 14 फरवरी एवं पंडित दीन दयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि सभी बूथों पर 11 फरवरी को मनाए जाने का निर्णय लिया गया।

बैठक में पूर्व मंत्री डॉ.प्रेम कुमार, भाजयुमो जिलाध्यक्ष अभिषेक कुमार, सहकारिता प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष रंजन सिंह, राजेश सिंह, गोपाल यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष ललिता सिंह, जैनेंद्र कुमार, भोला मिश्रा, हरेराम  सिंह, राजेश चौधरी, संतोष ठाकुर, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार आदि मौजूद थे।

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