बिहार वन विभाग और सासाराम नगर परिषद के बीच पेंडुलम बना ईको पार्क, पर्यटक की जगह दिखते मवेशी

नगर परिषद द्वारा डीएम के निर्देश पर ईको पार्क वन विभाग को हतांतरित करने के लिए जिला कार्यालय में अबतक हुए कार्य के विवरण के साथ पत्र 13 जुलाई को ही समर्पित कर दिया गया है। दस जुलाई को जिलाधिकारी का पत्र प्राप्त हुआ था।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 12:48 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 12:48 PM (IST)
बिहार वन विभाग और सासाराम नगर परिषद के बीच पेंडुलम बना ईको पार्क, पर्यटक की जगह दिखते मवेशी
सासाराम के ईको पार्क में घास चरते मवेशी। जागरण।

संवाद सहयोगी डेहरी ऑनसोन (सासाराम)। स्थानीय एनीकट स्थित निर्माणाधीन ईको पार्क इन दिनों नगर परिषद एवं वन विभाग के बीच पेंडुलम बना हुआ है। एक करोड़ 73 लाख रुपए खर्च होने के बाद भी दो वर्ष से बन रहे पार्क का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका। आज पार्क पशुओं का चारागाह बन गया है। सिंचाई विभाग ने पार्क निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन दो वर्ष पूर्व नगर परिषद को हस्तांतरित किया गया था। पांच एकड़ भूमि में सिर्फ तीन एकड़ भूमि ही नप प्रशासन ने कब्जे में ले कार्य शुरू किया। जिसमें विधायक मद से चारदीवारी का निर्माण कार्य तो प्रारंभ किया गया, परंतु चारदीवारी का कार्य अभी भी अधूरा है।

मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत चार अलग-अलग निविदा निकाल कर दिसंबर 2019 में पार्क का निर्माण कार्य शुरू किया गया। कुल 35 लाख दो हजार 100 रुपए की लागत से चारदीवारी का निर्माण किया गया है। जिसमें चार अलग अलग 14 लाख 59 हजार 100 रुपया, नौ लाख 77 हजार 600 रुपए, नौ लाख 85 हजार 800 रुपए व सात लाख 96 हजार रुपए की निविदा निकली गई थी।

कहते हैं शहरवासी

शहर के निवासी पारस चौधरी,धरमू चौधरी का कहना है कि संवेदक द्वारा पार्क निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है । पार्क के मुख्यद्वार का निर्माण होने से पूर्व ही नगर परिषद प्रशासन ने पार्क में 50 बड़ी कुर्सियां, व्यायाम के सामान, बच्चों के लिए झूला, पेयजल आदि की व्यवस्था कर दी है, लेकिन इसकी सुरक्षा एवं देखभाल करने वाला कोई नहीं है। अब नप अधिकारी सरकार के निर्देश पर ईको पार्क के रखरखाव का जिम्मा वन विभाग को सौंप दिए जाने की बात कह रहे है। वहीं वन विभाग अभी तक हस्तांतरण की बात से इंकार कर रहा है। आज ईको पार्क में दिनभर पशु विचरण करते रहते हैं। पार्क में बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग आई है। सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर कुछ भी नहीं है।

बताते हैं सुरक्षा प्रहरी

सुरक्षा प्रभारी दिलीप गुप्ता ने बताया कि पशुपालकों को मना करने पर वे झगड़़ा करने पर उतारू हो जाते हैं। खुद से घास की सफाई करते है। जिधर चारदीवारी नही बनी है, वहा पर कटीली सूखी झाड़ियां रखकर किसी प्रकार पशुओं को प्रवेश से बचाने की कोशिश करते है। सुरक्षा के अभाव में असामाजिक तत्व पार्क में गैरकानूनी हरकत भी करते हैं। अधिकारी इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे।

कहते हैं अधिकारी

नप ईओ कुमार ऋत्विक का कहना है कि नगर परिषद द्वारा डीएम के निर्देश पर ईको पार्क वन विभाग को हतांतरित करने के लिए जिला कार्यालय में अबतक हुए कार्य के विवरण के साथ पत्र 13 जुलाई को ही समर्पित कर दिया गया है। दस जुलाई को जिलाधिकारी का पत्र प्राप्त हुआ था। अब पार्क के रखरखाव सौंदर्यीकरण व अन्य सभी कार्य वन विभाग के जिम्मे है। वही डीएफओ प्रदुम्न गौरव कहते है कि नप और वन विभाग की संयुक्त टीम बनाकर पार्क का सर्वेक्षण कर उसके हस्तांतरण के लिए कई बार नप प्रशासन को पत्र लिखा गया, परंतु अभी तक नप की ओर से इस दिशा में कोई कार्रवाई नही की जा सकी। इसे लेकर जिलाधिकारी से बात हुई है। ज्योंहि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, वन विभाग अपने स्तर से कार्य शुरू कर देगा।

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