कोरोना काल में थायराइड के मरीज रहें ज्यादा सचेत
-बीमारी से पीड़ित लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है तनाव से दूर रहें -पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक होती है थायराइड -एक दशक में तीन से चार गुना तक बढ़े हैं मरीज जागरण संवाददाता गया
गया । सोमवार को विश्व थायराइड दिवस मनाया गया। फिजिशियन डॉ. राजवंश सिंह बताते हैं, बदलते लाइफ स्टाइल और गलत खानपान की वजह से इस तरह की बीमारियां तेजी से पांव पसार रही है। एक दशक पहले तक किसी नर्सिग होम में एक या दो थायराइड के मरीज आते थे। आज यह आंकड़ा दो अंकों में 12 से 14 तक पहुंच गया है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थायराइड के ज्यादा केस पाए जाते हैं।
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हाइपर व हाइपो थाइराइड
थायराइड एक ग्रंथी है, जो हर मनुष्य के शरीर में रहती है। शरीर में मेटाबोलिक संतुलन रखने में यह सहायक है। डॉ. राजवंशी सिंह ने कहा कि थायराइड कमने से हाइपो थायराइड होती है। इसकी अधिकता से हाइपर थायराइड होता है। हाइपर थायराइड का समय रहते इलाज बहुत जरूरी है। अन्यथा यह आगे चलकर हर्ट से संबंधित रोग भी पैदा करने लगता है। थायराइड के इन दोनों ही प्रकार के रोग का इलाज है। थायराइड हार्मोन बनने के लिए शरीर में आयोडिन की जरूरत होती है।
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कोरोना के दौरान थायराइड के मरीजों को अधिक सावधान रहने की जरूरत
मौजूदा दौर कोरोना संक्रमण का है। इसमें सांस से संबंधित तकलीफ होती है। डॉ. राजवंश बताते हैं कि चूंकि थायराइड के मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है लिहाजा कोरोना से बचने के लिए अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है।
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थायराइड के लक्षण
हाइपो थायराइड : शरीर में सूजन, ठंड लगना, आवाज भारी होना, बहुत कमजोरी होना व शरीर भारी महसूस होना
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हाइपर थायराइड : मरीज का शरीर सूखने लगना, धड़कन तेज होना, अधिक गर्मी महसूस होना
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उपचार
-खाने में आयोडिन युक्त नमक को जरूर शामिल करें
-मांसाहारी भोजन के शौकीन मछली खाएं
-सभी तरह के फलों को खाएं
-अच्छी मात्रा में पानी पीएं
-नियमित व्यायाम व योग करें
-तनाव से बचें