भभुआ के भगवानपुर हाई स्कूल में छात्र-छात्राओं को हफ्ते में 3-3 दिन अलग-अलग बुलाना पड़ता है, शिक्षक भी हैं परेशान, जानिए कारण
हाई स्कूल तक मात्र 11 शिक्षक हैं। इसमें हिंदी गणित संस्कृत के शिक्षक नहीं हैं। हाई स्कूल में वर्तमान समय में कक्षा दस के छात्र-छात्राओं का परीक्षा फार्म भरा गया है। जिसके चलते छात्र-छात्राएं कम संख्या में आ रहे हैं। विद्यालय में उनके बैठने के लिए जगह नहीं है।
संवाद सूत्र, भगवानपुर: प्रखंड मुख्यालय में स्थित उच्च विद्यालय भगवानपुर सह टेन प्लस टू में व्यवस्था काफी बदहाल है। यहां छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुपात में शिक्षक-शिक्षिकाओं की कमी है। मिली जानकारी के अनुसार भगवानपुर हाई स्कूल के कक्षा नौ में 413 छात्र-छात्राएं, कक्षा दस में पांच सौ छात्र-छात्राएं तथा टेन प्लस टू में 455 छात्र-छात्राएं हैं। उन्होंने बताया कि 40 छात्र-छात्राओं पर एक शिक्षक होना चाहिए। लेकिन विद्यालय में शिक्षकों की कमी है। साथ ही टेन प्लस टू में भौतिकी, अंग्रेजी सहित कुछ अन्य विषय के शिक्षक हैं ही नहीं।
जगह नहीं रहने से तीन दिन छात्र व तीन दिन छात्राएं आती हैं पढ़ने
बताया जाता है कि हाई स्कूल तक मात्र 11 शिक्षक हैं। इसमें हिंदी गणित संस्कृत के शिक्षक नहीं हैं। हाई स्कूल में वर्तमान समय में कक्षा दस के छात्र-छात्राओं का परीक्षा फार्म भरा गया है। जिसके चलते छात्र-छात्राएं विद्यालय कम संख्या में आ रहे हैं। यदि विद्यालय पढ़ने आते हैं तो उनके बैठने के लिए जगह नहीं है। जिसके चलते सप्ताह में तीन दिन छात्र व तीन दिन छात्राओं की पढ़ाई कराई जाती है। जबकि टेन प्लस टू में मात्र सात शिक्षक हैं। इसमें दो विज्ञान के और पांच कला संकाय के लिए शिक्षक हैं। विद्यालय में कुल छह कमरें हैं। हालांकि कमरे सभी सही है, लेकिन छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुसार कम हैं। इसके चलते एक साथ सभी छात्र-छात्राओं का विद्यालय में आकर पढ़ना संभव नहीं है।
शिक्षकों की कमी के साथ पेयजल की सुविधा भी नदारद
विद्यालय में पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं है। इसके चलते छात्र-छात्राओं के अलावा शिक्षक-शिक्षिकाओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बताया जाता है कि सरकार शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है। लेकिन शिक्षकों की कमी अभी बरकरार है। इसके चलते विद्यालयों में पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है।