भभुआ में साइबर अपराधियों की सक्रियता से खाता धारकों की बढ़ी परेशानी, अवैध निकासी से सवालों के घेरे में बैंक

भभुआ में फर्जी चेक से महाराणा प्रताप कॉलेज मोहनियां के प्रोफेसर डॉ. श्याम बिहारी सिंह के खाते से 9.40 लाख की निकासी कर ली। छह माह पूर्व अपराधियों ने बैंक ऑफ बड़ौदा मोहनियां शाखा के ग्राहक नगर पंचायत के खाते से फर्जी चेक से लाखों की निकासी कर ली थी।

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 05:25 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 05:25 PM (IST)
भभुआ में साइबर अपराधियों की सक्रियता से खाता धारकों की बढ़ी परेशानी, अवैध निकासी से सवालों के घेरे में बैंक
दिन पर दिन बढ़ते जा रहे साइबर अपराधियों की सक्रियता से बैंक पर से उठ रहा लोगों का भरोसा

 संवाद सहयोगी, मोहनियां: बैंक ऑफ बड़ौदा के खाता धारक साइबर अपराधियों के निशाने पर हैं। नगर की बैंक शाखा से ग्राहकों के खाते से फर्जी चेक के माध्यम से लाखों रुपये की हो रही अवैध निकासी का मामला लगातार सामने आ रहा है। जिससे बैंकिंग व्यवस्था सवालों के घेरे में है। आखिर कैसे साइबर अपराधी ग्राहकों के खाते से लाखों रुपये गायब कर दे रहे हैं। चेक बुक ग्राहकों के पास धरा रह जा रहा है। फर्जी चेक से उनके खाते से आराम से लाखों रुपये की निकासी हो जा रही है।

प्रोफेसर के खाते से 9.40 लाख रुपये की निकासी

अभी एक ताजा मामला सामने आया है। जब साइबर अपराधियों ने फर्जी चेक से महाराणा प्रताप कॉलेज मोहनियां के प्रोफेसर डॉ. श्याम बिहारी सिंह के खाते से 9.40 लाख रुपये की निकासी कर ली है। करीब छह माह पूर्व साइबर अपराधियों ने बैंक ऑफ बड़ौदा मोहनियां शाखा के ग्राहक नगर पंचायत के खाते से फर्जी चेक के माध्यम से लाखों रुपए की निकासी कर ली थी। इसके बाद भी बैंकों का जिस पर ध्यान नहीं गया। जिससे इस तरह की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। फर्जी चेक के माध्यम से खाते से लाखों रुपये की अवैध निकासी मामले में भुक्तभोगी प्रोफेसर ने मोहनियां थाने में शिकायत दर्ज कराई है। जिसमें बैंक के अधिकारियों पर साइबर अपराधियों से मिलीभगत का आरोप है। पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। 

इस संबंध में डाॅ. श्याम बिहारी सिंह ने बताया कि दो माह पहले सड़क हादसे में उनके पैर में गंभीर चोट लगी है। जिससे वे चलने फिरने में असमर्थ हैं। वाराणसी में इलाज चल रहा है। पिछले माह साइबर अपराधियों ने उनका मोबाइल हैक कर लिया था। वे समझे की मोबाइल में तकनीकी खराबी के कारण नंबर कार्य नहीं कर रहा है। इस पर उन्होंने सिम कंपनी के कस्टमर केयर से बात की तो बताया गया कि नंबर सेवा में नहीं है। स्वजनों की सलाह पर चलने में असमर्थ होने के बावजूद वे मोहनियां पहुंचे। जब उन्होंने अपना बैंक खाता चेक किया तो उनके पैर के नीचे से जमीन खिसक गई। उनकी गाढ़ी कमाई का पैसा साइबर अपराधी उड़ा लिए थे। बैंक खाते से दो बार में 9.40 लाख रुपए की निकासी हुई है। पांच अक्टूबर को साइबर अपराधियों ने फर्जी चेक के माध्यम से साढ़े सात लाख रूपये की निकासी की है। 10 अक्टूबर को दूसरी बार उनके खाते से 1.90 लाख रुपये का आरटीजीएस किया गया है।

बैंककर्मियों की लापरवाही हुई उजागर

भुक्तभोगी प्रोफेसर ने बताया की सूरज साह नाम के व्यक्ति ने आरटीजीएस किया है। बैंक कर्मी अगर उससे अपने सामने हस्ताक्षर कराते तो पोल खुल जाती। ग्राहक स्वयं अपना चेक ले कर बैंक मैं जाते हैं तो काउंटर पर बैठे कर्मी दो-दो बार हस्ताक्षर कराते हैं। चेक पर अंकित अंतिम पांच अंक खाता नंबर से जुड़े होते हैं। जो अंक चेक में नीचे दिया जाता है। ये अंक यह नकली चेक में नहीं हैं। इसके बाद भी उसे कैसे पास कर दिया गया। उनके पिता के नाम में स्वर्गीय राम राज सिंह लिखा हुआ है। जबकि नकली चेक में सिर्फ रामराज सिंह लिखा गया है। यह भी गौर करने वाली बात थी। क्लोन बनाते समय किस बोर्ड का चेक उन्हें निर्गत किया गया है यह बिना बैंक कर्मी के सहयोग से अपराधियों को जान पाना संभव नहीं है। प्रोफेसर ने बताया कि बैंक कर्मियों की लापरवाही से ही इस तरह की घटनाएं संभव है। 

बैंक कर्मियों द्वारा हस्ताक्षर का सही ढंग से मिलान किया जाए तो घटना नहीं हो सकती। फर्जी चेक से पैसे की निकासी आसान नहीं है। बैंक कर्मियों द्वारा हस्ताक्षर का सही ढंग से मिलान किया जाए तो इस तरह की घटना नहीं हो सकती। चेक की जांच करने के लिए बैंक में अल्ट्रावायलेट मशीन उपलब्ध है। लेकिन बैंक कर्मियों ने उसका उपयोग करना मुनासिब नहीं समझा। 

पूर्व में भी उक्त बैंक से फर्जी चेक से हुई थी लाखों की निकासी

ज्ञात हो कि छह माह पूर्व नगर पंचायत मोहनिया के बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा के खाते से साइबर अपराधियों ने फर्जी चेक से करीब छह लाख रुपए की फर्जी निकासी कर ली थी। इस मामले की भी मोहनियां थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई थी। लेकिन अभी तक पुलिस के हाथ खाली हैं। नगर पंचायत की घटना के बाद साइबर अपराधियों ने श्रीकृष्ण टेन प्लस टू उच्च विद्यालय मुजान रामपुर को निशाना बनाया। इस मामले में भी अपराधियों ने फर्जी चेक का सहारा लिया था। विद्यालय के खाते से अपराधियों ने करीब चार लाख रूपये उड़ा लिए थे।

लोगों का बैंक पर से उठ रहा भरोसा

इस घटना के बाद भी बैंक कर्मियों पर साइबर अपराधियों से मिलीभगत आरोप लगा था। लोगों का कहना है कि अपनी गाढ़ी कमाई सुरक्षित रखने के लिए लोग बैंक में जमा कर रहे हैं। जब बैंक से ही फर्जी चेक से लाखों रुपए गायब हो जा रहे हैं तो पैसा कहां सुरक्षित रहेगा। इन घटनाओं से ग्राहकों का बैंक पर से भरोसा उठ रहा है।

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