Bihar Cabinet Expansion: मंत्रिमंडल में फिर नहीं मिला डॉ. प्रेम को स्‍थान, पार्टी संगठन में बड़ी जिम्‍मेदारी मिलने पर चर्चा

पूर्व मंत्री और लगातार आठवीं बार भाजपा के विधायक बने डॉ. प्रेम कुमार एक बार फिर मंत्रिमंडल में स्‍थान नहीं बना सके। इससे उनके समर्थकों में निराशा है। हालांकि एक चर्चा यह भी है कि उन्‍हें पार्टी संगठन में बड़ी जिम्‍मेदारी दी जा सकती है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Tue, 09 Feb 2021 12:42 PM (IST) Updated:Wed, 10 Feb 2021 06:34 PM (IST)
Bihar Cabinet Expansion: मंत्रिमंडल में फिर नहीं मिला डॉ. प्रेम को स्‍थान, पार्टी संगठन में बड़ी जिम्‍मेदारी मिलने पर चर्चा
पूर्व मंत्री और गया के विधायक डॉ. प्रेम कुमार। जागरण आर्काइव

नीरज कुमार, गया। Bihar Cabinet Expansion बिहार सरकार में कई मंत्रालय संभाल चुके भाजपा (BJP) के कद्दावर नेता डॉ. प्रेम कुमार को नीतीश कैबिनेट में फिर जगह नहीं मिली। लगातार आठ बार से गया शहरी क्षेत्र से चुनाव जीत रहे डॉ. प्रेम कुमार को मंत्रिमंडल विस्‍तार में जगह दिए जाने की उम्‍मीद थी। उम्मीद की जा रही थी कि भाजपा कोटे से प्रेम कुमार को स्थान मिल सकता है परंतु ऐसा अब नहीं दिख रहा है। इससे इनके समर्थकों में मायूसी है। हालांकि अब यह चर्चा है कि उन्‍हें पार्टी संगठन में बड़ी जिम्‍मेदारी दी जा सकती है। हालांकि इस संबंध में डॉ. प्रेम कुमार ने कुछ नहीं कहा है।

राजनीतिक गलियारे में हो रही थी डॉ. प्रेम के नाम की चर्चा

पिछले कई महीनों से इन्हीं राजनीतिक गलियारों में  कुमार के नाम को लेकर चर्चा हो रही थी। लेकिन अब तो अंतोगत्वा मंत्रिमंडल में भी जगह नहीं मिली। डॉ कुमार से कृषि मंत्री, पीएचईडी, पथ निर्माण सहित कई विभाग का कार्यभार संभाल चुके हैं। उनके पास लंबा अनुभव है। इन्‍हें 2015 के चुनाव में भाजपा की ओर से मुख्‍यमंत्री का चेहरा तक बता दिया गया था। इस बार लगातार आठवीं बार जीतने पर वे उपमुख्‍यमंत्री पद के दावेदार बताए जा रहे थे। लेकिन मंत्री भी नहीं बनाए गए। 1990 में पहली बार विधानसभा चुनाव जीते डॉ. प्रेम कुमार को भाजपा का समर्पित सिपाही माना जाता है। छात्र जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्‍य रहे। इतिहास विषय में पीएचडी डॉ. प्रेम कुमार बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे।

गया से केवल संतोष मांझी को मिला मंत्री पद

राजनीतिक गलियारों में पिछले कई महीनों से यह चर्चा थी कि विधान पार्षद मनोरमा देवी, हम के बाराचट्टी विधायक ज्योति मांझी या फिर टिकारी के विधायक अनिल कुमार को उचित स्थान मिल सकता है। ऐसे में गया जिले के 10 विधानसभा में एनडीए के 5 विधायक होने के बाद भी एकमात्र मंत्री पद पर हम के विधान पार्षद संतोष कुमार सुमन को ही जगह मिली।

गया में एनडीए के पांच लेकिन जदयू के एक भी विधायक नहीं

जानकारी हो कि गया के 10 विधानसभा में एक भी जदयू के विधायक नहीं है सिर्फ एक विधान पार्षद मनोरमा देवी है। जिनका कार्यकाल जुलाई महीने में समाप्त हो रहा है। अब गया वासियों को सिर्फ एक मंत्री से ही संतोष करना पड़ सकता है। दूसरी ओर भाजपा के खेमे में यह चर्चा हो रही है नगर विधायक पार्टी के संगठन को मजबूत करने के लिए प्रदेश स्तर के एक बड़े दायित्व मिलने की उम्मीद है ताकि पूरे बिहार में भ्रमण कर डॉ कुमार भाजपा को और सशक्त और और मजबूत कर सके।।

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