नप की कार्ययोजना के मूर्तरूप लेने से आकर्षित होंगे देशी-विदेशी पर्यटक, बोधगया के संबंध में दिखाई जाएगी डॉक्यूमेंट्री

पहल के तहत बुद्धभूमि पर आते ही देशी-विदेशी पर्यटकों को बोधगया में कौन-कौन विदेशी बौद्ध मंदिर व मोनास्ट्री तथा उसके अंदर स्थापित भगवान बुद्ध की किस मुद्रा की प्रतिमा ठहरने के लिए होटल खाने के लिए रेस्टोरेंट व शहरी क्षेत्र के अलावे आसपास के पर्यटन स्थल की जानकारी मिल जाएगी।

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 05:57 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 05:57 PM (IST)
नप की कार्ययोजना के मूर्तरूप लेने से आकर्षित होंगे देशी-विदेशी पर्यटक, बोधगया के संबंध में दिखाई जाएगी डॉक्यूमेंट्री
गया जिले के बोधगया में स्थित बौद्ध मंदिर की आकर्षक तस्वीर

 विनय कुमार मिश्र, बोधगया:  यूं तो बुद्धभूमि बोधगया विश्व के बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए सबसे पवित्रम स्थलों में से एक है। इस भूमि को अपने जीवनकाल में एक बार नमन करने की इच्छा हर बौद्ध धर्मावलंबियों की होती है। इस भूमि पर विश्व के विभिन्न बौद्ध देशों के बौद्ध मंदिर व मोनास्ट्री बने हैं। जो सभी संप्रदाय के धर्मावलंबियों के परिभ्रमण का एक केंद्र है। इस भूमि का परिभ्रमण करने पर आगत देशी-विदेशी पर्यटकों को मिनी वर्ल्ड टूर का एहसास होता है। अब पर्यटकों को भरपूर जानकारी देने की दिशा में बोधगया नगर परिषद द्वारा एक नई पहल की जा रही है। इस पहल के तहत बुद्धभूमि पर आते ही देशी-विदेशी पर्यटकों को बोधगया में कौन-कौन विदेशी बौद्ध मंदिर व मोनास्ट्री तथा उसके अंदर स्थापित भगवान बुद्ध की किस मुद्रा की प्रतिमा, ठहरने के लिए होटल, खाने के लिए रेस्टोरेंट व शहरी क्षेत्र के अलावे आसपास में घूमने वाले का स्थल की जानकारी मिल जाएगी। जिसे देखने के लिए आने वाले पर्यटक बरबस ही उस स्थान तक पहुंच जाएंगे। 

नप के प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी ने  की सार्थक पहल

नगर परिषद के प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी कुमार ऋत्विक ने इस दिशा में सार्थक पहल की है। सर्वप्रथम उनके पहल पर तिब्बत मंदिर के चारदीवारी पर भगवान बुद्ध से जुड़े ऐतिहासिक घटनाओं को मधुबनी पेंटिंग के माध्यम से दर्शाया गया है। वहीं, जगन्नाथ मंदिर के चारदीवारी पर सनातन धर्म के इतिहास को उकेरा गया है। अब उन्होंने महाबोधि मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के नए भवन बनने के बाद बनने वाले चारदीवारी पर बोधगया स्थित विभिन्न बौद्ध मोनास्ट्री व मंदिर तथा मंदिर के अंदर स्थापित बुद्ध के विभिन्न मुद्राओं की प्रतिमा को थ्री डी पेंटिंग के माध्यम से उकेरवा कर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करने की कार्ययोजना तैयार की है। इस पर जल्द ही कार्य शुरू किया जाएगा। क्योंकि बीटीएमसी के चारदीवारी से सटे कब्रिस्तान की चारदीवारी भी है।

दोनों संबोधि द्वार तक बोधगया को आकर्षक बनाने की योजना

बोधगया शहर में प्रवेश के लिए दो मार्ग है। पहला गया-डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग से और दूसरा गया शहर से नदी तटीय मार्ग होते हुए। दोनों ही मार्ग में बोधगया शहर में प्रवेश से पहले संबोधि द्वार बना है। एक दोमुहान मोड़ के पास तो दूसरा राजापुर मोड़ के पास। राज्य सरकार की योजना के तहत संबोध टू संबोधि यानि दोनों संबोधि द्वार तक बोधगया को आकर्षक ढंग से सुंदरीकरण करना है। इस दिशा में भी पहल की जा रही है। इसमें साफ-सफाई से लेकर समुचित प्रकाश व्यवस्था, आकर्षक साइनेज, ई-रिक्शा एवं अन्य वाहनों के लिए पार्किंग स्थल आदि शामिल है।

कहते हैं अधिकारी

बोधगया में ई रिक्शा के परिचालन के लिए इक्को स्मार्ट लेन बनाया जाएगा। साथ ही बीटीएमसी गोलंबर के पास हरित वाल टीवी के माध्यम से बोधगया के संबंध में एक डोक्यूमेंट्री दिखाया जाएगा। जिसमें बोधगया के मंदिर-मोनास्ट्री, होटल, रेस्टोरेंट व आसपास के दर्शनीय स्थल को दिखाया जाएगा। ताकि बोधगया आने वाले पर्यटक उस स्थल पर पहुंच सकें। सांप्रदायिक सौहार्द का बनेगा मिसाल।

कुमार ऋत्विक, प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी,

नगर परिषद, बोधगया

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