धम्मपाल ने बुद्ध के उपदेशों पर विश्व का ध्यान आकृष्ठ कराया

जागरण संवाददाता, बोधगया : नव नालंदा महाविहार के कुलपति प्रो. वैद्यनाथ लाभ ने कहा कि 125 वष्

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Sep 2018 03:27 AM (IST) Updated:Wed, 19 Sep 2018 03:27 AM (IST)
धम्मपाल ने बुद्ध के उपदेशों पर विश्व का ध्यान आकृष्ठ कराया
धम्मपाल ने बुद्ध के उपदेशों पर विश्व का ध्यान आकृष्ठ कराया

जागरण संवाददाता, बोधगया : नव नालंदा महाविहार के कुलपति प्रो. वैद्यनाथ लाभ ने कहा कि 125 वर्ष पूर्व 29 वर्ष की आयु में अनागारिक धम्मपाल ने शिकागो में धर्मसंसद में जो भाषण दिए। उससे विश्व समुदाय का भगवान बुद्ध के उपदेशों की ओर ध्यान आकृष्ठ हुआ। अपने कार्यो के कारण ही वे महान पुनरोद्धारक माने गए।

ये बातें कुलपति प्रो. लाभ सोमवार को बोधगया के महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया में आयोजित अनागारिक धम्मपाल के 154 वीं जयंती समारोह के धम्म जनसभा को संबोधित करते हुए कही। कार्यक्रम का शुभारंभ धम्मदीप प्रज्वलित कर भंते ऊं न्यानिंदा महाथेरा, भंते पी सिवली थेरो, प्रो. लाभ सहित अन्य ने संयुक्त रूप से किया। उन्होंने कहा कि 1892 में महाबोधि पत्रिका का प्रकाशन के बाद उन्होंने शिकागो में आयोजित विश्व धर्म संसद को संबोधित किया था। उनके संबोधन से उनकी ख्याति और बढ़ी। उसके बाद उन्होंने सोसाइटी के कई शाखाओं का विस्तार किया। सोसाइटी के महासचिव भंते सिवली थेरो ने धम्मपाल जी के कृतियों पर प्रकाश डाले। उन्होंने कहा कि भारत में बौद्ध धर्म का पुनरोद्धार में धम्मपाल जी ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। 1891 में महाबोधि सोसाइटी की स्थापना का मूल उद्देश्य बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार ही था। कार्यक्रम में डॉ. मुक्ति भटनागर, डॉ. निहारिका लाभ व डॉ. सॉ यूट संदार ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर संबोधि पत्रिका व मैत्रापूर्ण सजगता पुस्तिका का विमोचन अतिथियों ने किया। वहीं, कार्यक्रम के दूसरे दिन आयोजित विभिन्न प्रतियोगिता में सफल प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का संचालन किरण लामा व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. कैलाश प्रसाद ने किया। कार्यक्रम में डॉ. राणा प्रताप सिंह, डॉ. बल्लभ सिंह, डॉ. अरविन्द सिंह, डॉ. फरासत हुसैन, एन दोरजे सहित अन्य गणमान्य शामिल थे।

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