देव के सूर्यकुंड का नहीं खुला ताला, मंदिर भी रहा लॉक

देव में चैती छठ व्रत करने रविवार को कई जिलों से श्रद्धालु पहुंचने लगे थे। रास्ते में मौजूद अधिकारियों ने उन्हें वापस लौटा दिया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 05:22 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 05:22 PM (IST)
देव के सूर्यकुंड का नहीं खुला ताला, मंदिर भी रहा लॉक
देव के सूर्यकुंड का नहीं खुला ताला, मंदिर भी रहा लॉक

औरंगाबाद। देव में चैती छठ व्रत करने रविवार को कई जिलों से श्रद्धालु पहुंचने लगे थे। रास्ते में मौजूद अधिकारियों ने उन्हें वापस लौटा दिया। रविवार को पहला अ‌र्ध्य होने के कारण सैकड़ों श्रद्धालु वाहनों से देव पहुंच रहे थे। शनिवार को भी अधिकारियों की लापरवाही से श्रद्धालुओं के वाहन देव में प्रवेश कर गए थे। एसडीएम डॉ. प्रदीप कुमार देव पहुंचे तब श्रद्धालुओं को अपने अपने घरों के लिए वापस किया।

एसडीएम के साथ बीडीओ अमरेश कुमार मिश्रा, थानाध्यक्ष बंकटेश्वर ओझा समेत अन्य अधिकारियों ने बताया कि करीब 50 वाहनों को देव से वापस किया गया। श्रद्धालुओं को बताया गया कि कोरोना के कारण देव में छठ पूजा पर रोक है। सूर्यकुंड को लॉक किया गया है। आम लोगों के लिए सूर्यमंदिर का दरवाजा बंद है। एसडीएम ने बताया कि सूर्यकुंड व सूर्यमंदिर, दोनों जगहों पर अधिकारी व पुलिसबल तैनात किए गए हैं।

बता दें कि प्रशासन की ओर से मना करने और वापस किए जाने के बावजूद कुछ श्रद्धालु खेतों में रुक गए थे। शनिवार की शाम में खरना किया। रविवार को डूबते व सोमवार को उगते सूर्य को अ‌र्ध्य देकर श्रद्धालु अपने-अपने घर को वापस लौटे। श्रद्धालुओं में ऐसी आस्था देखी गई कि खेतों में ही व्रत का अनुष्ठान किया। श्रद्धालुओं ने बताया कि देव की भूमि छठ व्रत करने का अलग महत्व है। श्रद्धालुओं ने मंदिर के बाहर से ही भगवान सूर्य का दर्शन किया। अपनी मनोकामना पूरी कर वापस घर को लौटे। जिन श्रद्धालुओं को बच्चों का मुंडन कराना है वे प्रशासन से छिपकर कराया। बाल को मंदिर के पास चढ़ाया।

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