डीएपी खाद नहीं मिलने से गेहूं की बोआई में हो रही देरी, कैमूर के किसान दुकानों का लगा रहे चक्कर

कैमूर में डीएपी खाद की किल्लत से किसान काफी परेशान हैं। किसानों का कहना है कि खाद नहीं मिलने की वजह से गेहूं की बोआई में काफी देरी हो रही है। इससे किसान वर्ग को काफी नुकसान झेलना पड़ सकता है।

By Rahul KumarEdited By: Publish:Mon, 22 Nov 2021 12:16 PM (IST) Updated:Mon, 22 Nov 2021 12:16 PM (IST)
डीएपी खाद नहीं मिलने से गेहूं की बोआई में हो रही देरी, कैमूर के किसान दुकानों का लगा रहे चक्कर
कैमूर के किसानों को नहीं मिल रही खाद। सांकेतिक तस्वीर

रामपुर(कैमूर), संवाद सूत्र। कैमूर के किसानों को खाद की वजह से काफी समस्याओं को सामना करना पड़ रहा है। खाद को लेकर जिले के किसान दुकानों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। गेहूं की बोआई के लिए किसानों ने खेत तैयार कर लिया है। कृषि विभाग की तरफ से भी गेहूं व सरसों आदि के बीज क्षेत्रीय केंद्रों में उपलब्ध करा दिया गया है। लेकिन अभी तक क्षेत्र के खाद विक्रेताओं के पास डीएपी खाद नहीं पहुंची। इस कारण किसानों को बोआई शुरू करने में दिक्कत आ रही है।

किसान डीएपी खाद के लिए बाजार में दुकानों पर चक्कर लगाने को मजबूर हैं। लेकिन बाजार में भी खाद नहीं मिल रही है। किसानों का कहना है कि जिस क्षेत्र में सिंचाई नहीं होती और बारिश पर निर्भर हैं, वहां के किसान गेहूं का अच्छा उत्पादन लेने के लिए नवंबर के पहले सप्ताह से ही बोआई शुरू कर देते हैं। लेकिन खाद नहीं मिलने की वजह से बोआई शुरू करने में देरी हो रही है। किसानों का कहना है कि बीज के साथ-साथ कृषि विभाग को डीएपी खाद भी मंगवानी चाहिए। ताकि समय रहते गेहूं की बोआई की जा सके। अन्यथा जमीन में नमी सूख जाने से गेहूं लगाना मुश्किल हो जाएगा।

किसानों का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्र में धान की फसल कम और गेहूं की खेती ज्यादा होती है। डीएपी खाद समय पर नहीं मिलने से किसानों को दिक्कत हो रही है। इस बार बारिश होने से खेतों में नमी है। नवंबर में गेहूं लगने से फसल का उत्पादन बढ़ जाता है। अब बीज तो किसान खरीद रहे हैं, लेकिन खाद नहीं मिल रही। सरकार को खाद की व्यवस्था करनी चाहिए। वही गेहूं की बोआई के लिए खेत भी तैयार कर लिए गए हैं और नमी भी बनी हुई है। यदि समय पर फसल नहीं लगी तो किसान अपनी आमदनी को कैसे बढ़ा सकते हैं। 

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