भगवान बुद्ध का संदेश अपनाकर कोरोना को दें मात, संयम से अपने घरों में रहें, भविष्य की चिंता न करें
महाबोधि मंदिर के बाहर लाल पत्थर पर बौद्ध भिक्षुओं ने भगवान बुद्ध का ध्यान लगाकर कोरोना महामारी के खात्मे के लिए विश्व को साहस का संदेश दिया। समस्त मानव जीवन की रक्षा की कामना की। कहा कि हमें भविष्य की चिंता नहीं करनी चााहिए।
बोधगया (गया),संवाद सूत्र। बोधगया से भगवान बुद्ध (Lord Budhha) ने विश्व को शांति का संदेश (Message of Peace) दिया था। उसी भूमि पर मानवता की रक्षा की प्रार्थना की गई। वैशाख अमावस्या पर बौद्ध भिक्षुओं ने भगवान बुद्ध की विशेष पूजा-अर्चना की। चीन से निकली कोरोना नाम की खतरनाक वायरस पूरी दुनिया को तबाह कर रही है और लगभग सभी देशों के लिए यह महामारी मानवता के लिए खतरा बनी हुई है। दवा, वैक्सीन, होम आइसोलेशन जैसे प्रयास को सफल बनाने के लिए यह प्रार्थना की गई।
लाल पत्थर पर भगवान बुद्ध की आराधना
कोरोना महामारी की वजह से इन दिनों विश्व प्रसिद्ध महाबोधि मंदिर (World Heritage Mahabodhi Temple) बंद है। बावजूद बोधगया से बौद्ध भिक्षुओं ने महामारी से लड़ने के लिए दुनिया को अदम्य साहस का संदेश दिया। मंदिर बंद होने के कारण बौद्ध गुरुओं ने मंदिर के बाहर लाल पत्थर पर भगवान बुद्ध की आराधना की और समस्त मानव जीवन की रक्षा के लिए आशीष मांगा। बौद्ध भिक्षुओं ने कहा कि प्रार्थना में बड़ी शक्ति है। स्वच्छता और करुणा से कोरोना को हराया जा सकता है। इसलिए सब मिलकर ऐसा करें ताकि इस महामारी का अंत हो सके।
भविष्य के बजाय वर्तमान में जीयें
भगवान बुद्ध ने एक-दूसरे का दुख-दर्द समझने, जरूरतमंदों की मदद करने और भविष्य के बजाय वर्तमान में जीने का संदेश पूरी दुनिया को दिया था। वर्तमान में कोरोना महामारी से सामना हो रहा है। दुनियां में उथल-पुथल मचा है। इस समय में भगवान बुद्ध का संदेश आज भी प्रासंगिक हैं। कोरोना संक्रमण के दौर में संयम के साथ अपने घरों पर रहकर धम्म ध्यान करें और अपनी शारीरिक, मानसिक ऊर्जा को बढ़ाने का प्रयास करें। इससे निश्चित ही बीमारी से लड़ने की शक्ति जागृत होगी। अपने आसपास के लोगों को भी ध्यान करने के लिए प्रेरित करें। आज के समय में संयम को अपनाना बहुत जरूरी है। बौद्ध भिक्षुओं ने शारीरिक दूरी अपनाकर ध्यान और विशेष प्रार्थना की।