Human Immuno Virus: औरंगाबाद जिले में युवा से लेकर बच्‍चे तक के शरीर में दौड़ रहा मौत का वायरस, जानिए कितने हैं एचआइवी संक्रमित

औरंगाबाद जिले में एचआवी संक्रमितों की संख्‍या 12 सौ से अधिक है। चिंता की बात यह कि इनमें बच्‍चे भी शामिल हैं। 25 से 35 वर्ष के युवा इसकी जद में हैं। गर्भवतियों को भी इस जानलेवा वायरस ने अपनी चपेट में ले रखा है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 08:32 AM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 08:32 AM (IST)
Human Immuno Virus: औरंगाबाद जिले में युवा से लेकर बच्‍चे तक के शरीर में दौड़ रहा मौत का वायरस, जानिए कितने हैं एचआइवी संक्रमित
प्रतिवर्ष एक दिसंबर को मनाया जाता है विश्‍व एड्स दिवस।

 जेएनएन, औरंगाबाद। प्रतिवर्ष 01 दिसंबर को विश्‍व एड्स दिवस (World Aids Day) मनाया जाता है। ऐसी बीमारी जो छूटती नहीं। जो जानलेवा है। जागरुकता और सुरक्षा ही इससे बचा सकता है। पहले अब एड्स पर खुलेआम चर्चा होती है। अब लोग जागरूक हुए हैं। पहले तो लोग चर्चा करने से कतराते थे। दहशत का माहौल बना हुआ था। जिला में नेशनल हाइवे हो या रेड लाइट एरिया (RedLight Area) दोनों ही जगहों पर कंडोम (Condome) वितरण से लेकर जागरुकता लाने तक का काम एनजीओ की ओर से होता है। गांव-गांव तक इससे जुड़े स्लोगन लिखे गए।  

संक्रमित सूई से भी बड़ी संख्‍या में इस बीमारी की चपेट में आ रहे लोग

असुरक्षित यौन संबंध एचआइवी (HIV)का सबसे बड़ा कारण है। लेकिन संक्रमित सूई, खून की वजह से भी काफी लोग इस वारयस से संक्रमित हो रहे हैं। तमाम जागरुकता कार्यक्रम व प्रावधानों के बावजूद पॉजीटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हर साल आंकड़ा में हो रही वृद्धि खतरनाक संकेत दे रही है। वर्ष 2005 से लेकर अब तक 1212 एड्स संक्रमित मरीज मिले हैं। इनमें 70 गर्भवती महिलाएं शामिल हैं। काफी तेजी से युवा इसके संपर्क में आ रहे हैं। कुल संक्रमित में से युवाओं की संख्‍या 40 फीसद से अधिक है। इनमें 25 से 35 वर्ष की उम्र वाले युवा हैंं। छोटे बच्‍चे भी संक्रमित हैं। 

महिलाओं से पुरुष अधिक संक्रमित, बच्‍चे भी हैं इस बीमारी की जद में

हर वर्ष पॉजीटिव मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि होती जा रही है। 2005 से लेकर अब तक मिले संक्रमितों में पुरुषों की संख्या महिलाओं से अधिक है। कुल मरीजों के आंकड़ाे पर नजर डालें तो 60 फीसद पुरुष हैं। वहीं 40 प्रतिशत महिलाएं इस गंभीर व लाइलाज बीमारी से संक्रमित हैं। 

तीन टेस्ट के बाद आता है परिणाम

आइसीटीसी के चिकित्सा प्रभारी डाॅ. रविरंजन कुमार ने बताया कि एचआइवी की संभावना वाले व्‍यक्ति को तीन तरह का टेस्‍ट कराना पड़ता है। इससे ही उसके पॉजिटिव या निगेटिव होने की पुष्टि होती है। अगर वह व्यक्ति संक्रमित पाया जाता है तो उसका नियमित तरीके से इलाज शुरु किया जाता है। संक्रमित व्यक्ति के बारे में किसी को नहीं बताया जाता है। इसको गुप्त रखा जाता है। 

2003 से ऑक्टूबर 2020 तक जांच रिपोर्ट

वर्ष        जांच          पॉजिटिव

2003     206           11

2004     386           15

2005     8794         30

2006     2988         66

2007     3148         55

2008     2856         37

2009     2344         36

2010     2787         62

2011     2180         69

2012     1399         56

2013     4572         56

2014     608           75

2015     5125         75

2016     6292         79

2017     7472         113

2018      8035        115

2019      8492        125

2020      5566         67 

एचआइवी से संक्रमित गर्भवती महिलाएं

वर्ष            जांच        पॉजिटिव

2008          920         1

2009          1144       3

2010          2200      6

2011          1651      2

2012          2513      0  

2013          2651      1

2014          5768      3

2015          4513      2

2016          5605      5

2017          8058     13

2018          8488     10

2019          7700     13

2020          4533     11

जागरुकता जरूरीरी, बचाव ही इस जानलेवा बीमारी का इलाज

सिविल सर्जन डाॅ: अकरम अली ने बताया कि एड्स के प्रति लोगों को जागरुक किया जा रह है। एड्स का बचाव ही इसका इलाज है। सरकार व विभाग इसके रोकथाम के लिए बेहद सजग है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर पुरुषों के लिए कंडोम की व्यवस्था भी की गई है। असुरक्षित यौन संबंध से बचना है और सजग रहना है। सभी जगहों पर इसकी जांच की जाती है। संक्रमित मरीजों को मुफ्त दवा दी जा रही है।

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