कुदरा में सरसों के खेत में मिला सलथुआं के युवक का शव, हत्‍या और हादसा के बीच अटकी शक की सुई

कुदरा थानाक्षेत्र के भैंसवला गांव के पास मंगलवार को सरसों के खेत में एक युवक का शव बरामद किया गया। मृतक की पहचान स्थानीय थानाक्षेत्र के सलथुआं गांव के मूल निवासी महेंद्र साह के पुत्र रामानंद साह (35) के रूप में हुई है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Tue, 23 Mar 2021 04:40 PM (IST) Updated:Tue, 23 Mar 2021 04:40 PM (IST)
कुदरा में सरसों के खेत में मिला सलथुआं के युवक का शव, हत्‍या और हादसा के बीच अटकी शक की सुई
पोस्‍टमॉर्टम हाउस के बाहर खड़े स्‍वजन। जागरण।

संवाद सूत्र, कुदरा (भभुआ)। कुदरा थानाक्षेत्र के भैंसवला गांव के पास मंगलवार को सरसों के खेत में एक युवक का शव बरामद किया गया। मृतक की पहचान स्थानीय थानाक्षेत्र के सलथुआं गांव के मूल निवासी महेंद्र साह के पुत्र रामानंद साह (35) के रूप में हुई है। उसका परिवार पिछले कुछ वर्षों से कुदरा प्रखंड मुख्यालय के लालापुर बाजार के पास घर बना कर रह रहा था।

युवक की मौत किस तरह से हुई, यह स्पष्ट नहीं है। पुलिस भी इस बारे में अभी साफ साफ कुछ कहने से परहेज कर रही है। हालांकि सभी का मानना है कि युवक की स्वाभाविक मौत नहीं हुई है। लोग आत्महत्या या हत्या की आशंका जता रहे हैं। स्थानीय ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक भैंसवला गांव के समीप दुर्गावती मुख्य नहर के किनारे सरसों के खेत में सुबह में युवक का शव देखा गया।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि युवक के शरीर पर किसी तरह की चोट या जख्म का निशान नहीं था, जिसके चलते जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या किए जाने की आशंका जताई जा रही थी। हालांकि मृतक के आसपास जहरीला पदार्थ या मुंह से झाग निकलने का भी निशान नहीं था। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो मृत युवक के कपड़े अस्त-व्यस्त थे तथा पैरों में जूते या चप्पल नहीं थे। इस आधार पर कुछ लोग उसके मरने से पहले छटपटाने या जान बचाने के लिए संघर्ष करने की आशंका जता रहे थे।

थानाध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भभुआ भेज दिया गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि युवक की पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं। छोटी मोटी दुकानदारी और मजदूरी के बूते गरीबी से संघर्ष करते हुए उसने लालापुर के पास अपना घर बनाया था और परिवार का भरण पोषण कर रहा था। उसकी असमय मौत से उसके परिवार पर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है। स्‍वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

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