अपने गांव के बड़े बाबू थे सच्चिदानंद, उनकी याद में प्रकाशित होगी स्मारिका

बेलागंज के पूर्व विधायक सच्चिदानंद दांगी को श्रद्धांजलि देने के लिए शुक्रवार को सर्वदलीय सभा हुई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jan 2019 09:57 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jan 2019 09:57 PM (IST)
अपने गांव के बड़े बाबू थे सच्चिदानंद, उनकी याद में प्रकाशित होगी स्मारिका
अपने गांव के बड़े बाबू थे सच्चिदानंद, उनकी याद में प्रकाशित होगी स्मारिका

गया। बेलागंज के पूर्व विधायक सच्चिदानंद दांगी को श्रद्धांजलि देने के लिए शुक्रवार को सर्वदलीय सभा का आयोजन हुआ। अपने गाव में बड़े बाबू के नाम से लोकप्रिय सच्चिदानंद की स्मृति में स्मारिका के प्रकाशन का संकल्प लिया गया। डाकबंगला में आयोजित श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता रामलखन भगत ने की। सच्चिदानंद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। पूर्व मंत्री डॉ. अनिल कुमार ने कहा सच्चिदानंद बाबू पिछड़े, वंचितों और अकलियतों के लिए प्रेरक थे। संयोजक डॉ. मुंद्रिका प्रसाद नायक ने स्मारिका के प्रकाशन का बीड़ा उठाया है। सामाजिक कार्यकर्ता वाल्मीकि प्रसाद ने उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया। सुभाष यादव ने उनके संघर्ष के बारे में विस्तार से जानकारी दी। श्रद्धांजलि सभा में प्रो. चंद्रशेखर सिंह, राम कुमार सिंह, अजय झा, कवींद्र प्रसाद सिंह, अरुण कुमार यादव, सुरेश यादव, राजदेव सिंह चंद्रवंशी, बचु त्रिवेदी, हिमाशु शेखर, राजकुमार पासवान, प्रमोद कुमार वर्मा, रवि कुमार, नीरज कुमार, अनिल यादव, बेचन चंद्रवंशी, अशोक प्रसाद दागी आदि उपस्थित रहे। आंदोलनों में सच्चिदानंद की भूमिका : वक्ताओं ने कहा कि चुनावी जीत-हार से सच्चिदानंद न कभी प्रफुल्लित हुए और ना ही हतोत्साहित। उनकी पहचान क्षेत्र में आंदोलन पुरुष के रूप में रही। टिकारी किला को बचाने, टिकारी को अनुमंडल बनाने, उत्तरी कोयल नहर के अधूरे कार्य को पूरा करने, सोन उच्चस्तरीय नहर प्रणाली को अंतिम छोर तक पंहुचाने जैसे जनहित के कई मसलों पर उन्होंने आंदोलन की अगुवाई की। किसानों के हित में लगातार संघर्ष किया। जेपी आंदोलन, भूमि मुक्ति आदोलन, मोरहर नदी पर वियर बांध के निर्माण से संबंधित आंदोलन में उनकी भूमिका रही।

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