रामगढ़ में छलका किसानों का दर्द, बिस्कोमान से दो दिन में ही डीएपी खाद खत्म, जनप्रतिनिधि मौन, अधिकारी झाड़ रहे पल्ला

इतनी बड़ी खाद की समस्या होने के बावजूद जनप्रतिनिधि मौन हैं। शासन-प्रशासन के लोग पल्ला झाड़ रहे हैं। किसानों ने कहा कि सरकार द्वारा खाद की व्यवस्था नहीं की गई तो सब्र का बांध भी टूट जाएगा। इतनी किल्लत है कि किसान के रुप में महिलाएं खाद लेने पहुंच रहीं।

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 05:36 PM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 05:36 PM (IST)
रामगढ़ में छलका किसानों का दर्द, बिस्कोमान से दो दिन में ही डीएपी खाद खत्म, जनप्रतिनिधि मौन, अधिकारी झाड़ रहे पल्ला
रामगढ़ के बिस्कोमान भवन पर दो दिन में ही डीएपी खाद खत्म, खाद डालते किसान की सांकेतिक तस्वीर

 संवाद सूत्र, रामगढ़: प्रखंड में काफी समय बीत जाने के बाद डीएपी खाद उपलब्ध हुई। लेकिन दस घंटे भी नहीं बंट सकी। बाजार के दो दुकानदारों के यहां से छह सौ बोरी डीएपी खाद किसान प्रसाद की तरह ले गए। दो दिन केवल बिस्कोमान भवन खाद उपलब्ध करा सका। लेकिन दूसरे दिन किसानों को घंटों लाइन में लगने के बाद मुश्किल से दो बोरी डीएपी खाद मिली। पहले दिन 14 सौ बोरी तो दूसरे दिन छह सौ बोरी डीएपी खाद वितरित की गई। इसमें से भी कई किसान बिना खाद के लौट गए। 

जनप्रतिनिधि मौन अधिकारी झाड़ रहे पल्ला

इतनी बड़ी खाद की समस्या होने के बावजूद जनप्रतिनिधि मौन हैं। शासन-प्रशासन के लोग पल्ला झाड़ रहे हैं। विदामनचक के किसान त्रिपुरारी चौबे, इसरी के अभय सिंह, छेवरी के आनंद पांडेय आदि लोगों ने कहा कि इस तरह का दर्द किसानों को कभी नहीं मिला था। यूरिया खाद के लिए कभी ऐसी समस्या नहीं होती थी। इन लोगों ने कहा कि सरकार द्वारा खाद की व्यवस्था अविलंब नहीं की गई तो किसानों का सब्र का बांध भी टूट सकता है। जब किसान सड़क पर खाद बीज को लेकर उतरेंगे तो बड़ी मुश्किल होगी। 

किसान के रुप में महिलाएं खाद लेने पहुंच रहीं

इस बार पहले खाद पाने के लिए किसान के रुप में महिलाएं खाद लेने पहुंच रहीं है। खाद की चाहत में वे बिस्कोमान भवन से लेकर बाजार के खाद विक्रेता के यहां पहुंची। लेकिन खाद खत्म होते ही लाइन में लगे आधे से अधिक किसान बिना खाद के घर लौटे। डीएपी खाद गेहूं की बोआई के समय में ही गायब है। डीएपी खाद नहीं मिलने के साथ यूरिया खाद की भी थोड़ी बहुत समस्या है। खाद की जरूरत होने को लेकर दो दिनों तक किसानों में मारामारी की नौबत हो गई थी। सरकारी दर पर खाद पाने के लिए बिस्कोमान भवन पर महिलाएं भी लाइन में सुबह से ही लग गईं। 

तीन महीने बाद दो हजार बोरी मिली खाद

बिस्कोमान भवन पर एक आधार कार्ड पर दो बोरी डीएपी मिल रही थी। डीएपी खाद नहीं मिलने से शासन प्रशासन के प्रति निराशा का भाव देखा गया। हालांकि खाद विक्रेता डीएपी की कमी का रोना रो रहे हैं। वहीं बिस्कोमान भवन के मैनेजर अजय सिंह ने बताया कि डीएपी खाद तीन महीने बाद दो हजार बोरी मिली। जो डेढ़ दिन में ही खत्म हो गई।

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