सीआरपीएफ जवान ने नवादा स्थित गांव पहुंच निभाया सामाजिक सरोकार, डेंगू पीड़ि‍त के लिए रक्‍तदान

देश सेवा में जुटे नवादा निवासी सीआरपीएफ जवान (CRPF Jawan) नीलेश कुमार ने सोमवार को रक्तदान कर डेंगू (Dengue) से पीड़ित एक मरीज की जान बचाई। मरीज की हालत गंभीर थी। तुरंत उन्‍हें प्‍लेटलेट्स चढाने की जरूरत डाक्‍टर ने बताई थी।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 09:40 AM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 09:40 AM (IST)
सीआरपीएफ जवान ने नवादा स्थित गांव पहुंच निभाया सामाजिक सरोकार, डेंगू पीड़ि‍त के लिए रक्‍तदान
डेंगू मरीज के लिए रक्‍तदान करते सीआरपीएफ जवान। जागरण

नवादा, संवाद सहयाेगी। देश सेवा में जुटे सीआरपीएफ जवान (CRPF Jawan) नीलेश कुमार ने सोमवार को रक्तदान कर डेंगू (Dengue) से पीड़ित एक मरीज की जान बचाई। मरीज की हालत गंभीर थी। तुरंत उन्‍हें प्‍लेटलेट्स चढाने की जरूरत डाक्‍टर ने बताई थी। उस स्थिति में सीआरपीएफ जवान ने जो किया उनके इस कार्य की हर ओर सराहना हो रही है। लोगों का कहा है कि सीआरपीएफ जवान ने अपनी सामाजिक जिम्‍मेदारी का वहन कर मिसाल पेश की है। इससे अन्‍य लोगों को भी प्रेरणा मिलेगी।  

अवकाश पर आए हुए हैं अपने गांव 

नीलेश जिले के वारिसलीगंज प्रखंड के दोसुत गांव के रहने वाले हैं। वे सीआरपीएफ की स्पेशल यूनिट 209 कोबरा बटालियन झारखंड (CRPF Special Unit Jharkhand) में हवलदार के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने दैनिक जागरण से बातचीत के क्रम में बताया कि वे अभी अवकाश पर आए हैं। एक दिन फेसबुक देख रहा था। तभी एक पोस्ट पर नजर पड़ी। पोस्‍ट के माध्यम से पता चला कि धनकौल गांव निवासी रंजीत सिंह पावापुरी विम्स में भर्ती हैं। उन्हें ओ पाजिटिव ग्रुप के रक्त की आवश्यकता है। इस पोस्ट को देखकर उन्होंने रक्‍तदान का निर्णय लिया।

फेसबुक पोस्‍ट से चला मरीज का पता 

फेसबुक पर दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। पता चला कि रंजीत डेंगू से पीड़ित हैं और उनका प्लेटलेट्स काउंट 30 हजार से नीचे गिर गया है। उन्हें तत्काल प्लेटलेट्स कि आवश्यकता है। ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स उपलब्ध नहीं है। इसके बाद वे तुरंत पावापुरी विम्स पहुंचे और एक यूनिट ब्लड डोनेट किया। इसके बाद रंजीत सिंह को प्‍लेटलेट्स चढ़ाया गया। इससे उनकी हालत में सुधार हुआ है।उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर हमेशा रक्तदान करने के लिए तैयार हैं। 

बता दें कि डेंगू में सबसे ज्‍यादा समस्‍या प्‍लेटलेट्स गिरने की वजह से होती है। यही जानलेवा हो जाती है। ब्‍लड बैंक में डिमांड ज्‍यादा रहने के कारण कई बार किसी खास ग्रुप का खून या प्‍लेटलेट्स नहीं होता, वैसी स्थिति में रक्‍तदान कर किसी की जान बचाई जा सकती है।  

chat bot
आपका साथी