गांवों तक पहुंचने लगा कोरोना, नहीं बरती जा रही सावधानी
गया। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का कहर गांवों तक पहुंच गया है। कोरोना के पहले दौर
गया। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का कहर गांवों तक पहुंच गया है। कोरोना के पहले दौर में जिले के गांवों में संक्रमण कम फैल रहा था। लेकिन दूसरी लहर में नगर क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी भयावह रूप से कोरोना फैल रहा है। लॉकडाउन तथा संक्रमण के खतरे को ध्यान में रखते हुए प्रवासी भी अब लौटने लगे हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण का खतरा और भी बढ़ सकता है। दरअसल रेलवे स्टेशन से आने वाले प्रवासियों की स्टेशन परिसर में कोविड-19 की जांच हो रही है। लेकिन विभिन्न रास्तों से बस व अन्य वाहनों से आने वाले लोगों का कोविड-19 का जांच नहीं होने के कारण प्रवासी सीधे गांव में आ जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के अनुसार इस बार संक्रमितों में करीब 40 फीसद मामले गांवों से ही आ रहे हैं। इसे देखते हुए प्रशासन फिर से हर ग्राम पंचायत में क्वारंटाइन सेंटर बनाने का निर्देश जारी कर दिया है। बाहर से आने वाले लोगों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने तक वहां रखा जाएगा। इसके लिए पंचायत सचिव से लेकर अन्य लोगों को कार्य पर लगाए जाने की संभावना है। गांवों में लोग बेवजह घूमते नजर आ रहे हैं। बिना मास्क के ही लोग अधिक संख्या में बैठकर तास, लूडो आदि खेलते हुए देखे जा रहे हैं। सुबह शाम में बच्चों को क्रिकेट खेलते हुए भी देखा जा रहा है। ऐसे में संक्रमण का खतरा और भी बढ़ सकता है।
इस वजह से गांवों तक पहुंचा संक्रमण:
दरअसल होली के मौके पर बाहर से आए लोग अपने गांव पहुंचे। उस दौरान जांच की व्यवस्था इतनी व्यापक नहीं रही। कोरोना को लेकर लोग भी सजग नहीं थे। यहां के लोग बड़ी संख्या में महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, गुजरात व अन्य प्रांतों के विभिन्न शहरों में रहते हैं। प्राय: त्योहार के दौरान वे अपने गांव लौटते हैं। इसमें वायरस भयावह रूप से फैल गया।
पिछली बार की तरह इस बार भी बरतनी होगी एहतियात :
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पिछली बार की तरह ही एहतियात बरतना होगा। इसके लिए दो गज की दूरी मास्क की अनिवार्यता, तथा बेवजह घर से बाहर निकलने पर रोक लगा कर कोरोना पर काबू पाया जा सकता है। समय समय पर हाथ को साबुन या सैनिटाइजर से धोते रहना होगा।