Aurangabad: ऑक्‍सीजन और इलाज के बिना मेरे पति ने तड़पकर तोड़ दिया दम, महिला का आरोप

औरंगाबाद सदर अस्‍पताल में कोरोना संक्रमित एक व्‍यक्ति की मौत हो गई। उसकी पत्‍नी ने आरोप लगाया है कि समुचित इलाज और ऑक्‍सीजन के बिना उसके पति की जान गई है। वह गुहार लगाती रह गई लेकिन किसी ने सुध नहीं ली।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 04:58 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 04:58 PM (IST)
Aurangabad: ऑक्‍सीजन और इलाज के बिना मेरे पति ने तड़पकर तोड़ दिया दम, महिला का आरोप
पति की मौत पर विलाप करतीं कंचन देवी। जागरण

औरंगाबाद, जागरण संवाददाता। स्वास्थ्य विभाग या जिला प्रशासन भले ही सदर अस्पताल में मुकम्मल स्वास्थ्य व्यवस्था का ढ़िंढोरा पीट ले। लेकिन सच्चाई कुछ और ही बयां करती है। इसका जीता जागता उदाहरण गुरुवार को देखने को मिला। हुआ यूं कि इलाज के अभाव में कोरोना से संक्रमित प्रदीप मेहता की हालत खराब होती जा रही थी। पत्‍नी यह देखकर बार-बार गुहार लगाती रही। लेकिन ऑक्‍सीजन नहीं दिया गया और प्रदीप ने तड़पकर दम तोड़ दिया। सुहाग उजड़ने के बाद पत्‍नी कंचन देवी का विलाप हर किसी की आंखें नम कर गया। वह चीख-चीखकर सदर अस्‍पताल प्रशासन को पति की मौत का जिम्‍मेदार ठहरा रही थी। हालांकि अस्‍पताल प्रशासन ने इलाज और ऑक्‍सीजन के अभाव में मौत को नकार दिया है। 

न डॉक्‍टर ने सुध ली और न ही स्‍वास्‍थ्‍यकर्मी ने  

प्रदीप मेहता मुफस्सिल थाना क्षेत्र के खान कपसिया गांव के रहने वाले थे। कोरोना संक्रमित होने के बाद सदर अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था। यहां गुरुवार को उनकी मौत हो गई। पति की मौत पर विलाप करती कंचन देवी ने कहा कि न तो उचित इलाज हुआ न ही समय पर ऑक्सीजन मिल पाया। इसी वजह से उसके पति की तड़प-तड़प कर जान चली गई। कंचन अस्पताल परिसर में चीत्कार मारकर रो रही थी। बिलख रही थी। लेकिन उसकी चीख पुकार को कोई सुनने वाला नहीं था। कंचन रोते हुए कह रही थी कि मैं अपने पति के इलाज के लिए अस्पताल में डॉक्टर, नर्स एवं कंपाउंडर से गुहार लगाती रही। परंतु किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। स्वास्थ्य कर्मियों ने मेरे पति को मरते हुए छोड़ दिया। जब उनकी आखिरी सांस चल रही थी उस समय ऑक्‍सीजन लगा दिया गया होता तो शायद अभी मेरे पति जिंदा होते। लेकिन न तो चिकित्सकों ने इसकी जहमत उठाई न ही स्वास्थ्य कर्मियों ने। महिला ने बताया कि पिछले वर्ष हमारे ससुर कृष्णा मेहता की मौत कोरोना से संक्रमित होकर ही हो गई थी। बता दें कि अस्पताल की बदहाल व्यवस्था के कारण प्रतिदिन मरीजों की मौत हो रही है। इसके बावजूद भी अधिकारियों के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

सभी मरीजों का हो रहा है उचित उपचार  

सिविल सर्जन डॉ. अकरम अली ने बताया कि मरीज की मौत इलाज के बिना नहीं हो सकती हैं। सदर अस्पताल में सभी मरीजों का बेहतर इलाज किया जा रहा है। ऑक्सीजन की भी कोई कमी नहीं है। इसलिए यह आरोप निराधार है। वैसे मरीज की मौत किस कारण हुई है इसका पता लगाया जा रहा है। यदि इसमें किसी की लापरवाही सामने आई तो उचित कार्रवाई की जाएगी।

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