Aurangabad News: स्कूलों के लैब में धूल फांक रहे कंप्यूटर, बिना शिक्षक के कैसे पढ़ेंगे छात्र

औरंगाबाद में कंप्यूटर शिक्षकों की कमी की वजह से बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा नहीं मिल पा रही है। हालत ये है कि जिले के स्कूलों के लैब में कंप्यूटर धूल फांक रहे हैं।इस हाल में जिले के बच्चे कैसे अपने भविष्य को संवार पाएंगे।

By Rahul KumarEdited By: Publish:Mon, 22 Nov 2021 12:50 PM (IST) Updated:Mon, 22 Nov 2021 12:50 PM (IST)
Aurangabad News: स्कूलों के लैब में धूल फांक रहे कंप्यूटर, बिना शिक्षक के कैसे पढ़ेंगे छात्र
औरंगाबाद में कंप्यूटर की शिक्षा नहीं ले पा रहे स्टूडेंट्स। सांकेतिक तस्वीर

औरंगाबाद, जागरण संवाददाता। जिले के हाई स्कूलों के कंप्यूटर लैब में कंप्यूटर धूल फांक रहे हैं। छात्र कंप्यूटर शिक्षा लेने से वंचित रह जा रहे हैं। कारण कहीं शिक्षकों का अभाव है तो कहीं लैब का। बता दें कि स्कूलों में नौवीं और दसवीं से लेकर कालेजों तक में कंप्यूटर की शिक्षा अनिवार्य है। सरकार ने स्कूलों में कंप्यूटर लैब बना दिए, मगर इन स्कूलों में कंप्यूटर शोभा की वस्तु बन कर रह गई है। जिले के अधिकतर स्कूलों में कंप्यूटर टीचर के पद खाली पडे़ हैं।

टीचर की बहाली के लिए एमटेक और बीटेक करके भी बेरोजगार युवक दर- दर भटक रहे हैं। सरकार ने कंप्यूटर लैब बनाया था, ताकि सरकारी स्कूल के बच्चों को भी कंप्यूटर की जानकारी दी जाए। यहां कंप्यूटर अब तक ऐसे ही ढंककर रखे हुए हैं जैसे आए थे, क्योंकि सरकार ने कभी कंप्यूटर शिक्षक की नियुक्ति की ही नहीं। यह बड़ा सवाल है कि बच्चे कंप्यूटर की पढ़ाई में क्या लिखते हैं। कौन उनकी कापियां जांचता है और उन्हें क्या नंबर मिलते हैं। अब तक दर्जनों से ज्यादा कंप्यूटरों की चोरी के मामले सामने आ चुके हैं और जो बचे हैं इनमें से ज्यादातर बदहाल अवस्था में है। 

उच्च विद्यालयों की स्थिति बदतर

माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों के छात्रों को कंप्यूटर की शिक्षा नहीं मिल रही है। कंप्यूटर की शिक्षा उच्च विद्यालय स्तर पर सरकार द्वारा शुरू की गई थी, लेकिन प्रशासनिक व विभागीय उदासीनता, पर्याप्त जागरूकता के अभाव में यह योजना अपने उद्देश्य को पूरा कर पाने में सफल नहीं हो पाई है। कंप्यूटर शिक्षा की स्थिति इस तरह बदहाल है कि कहीं कंप्यूटर है तो शिक्षक नहीं, शिक्षक है तो कंप्यूटर नहीं। अत्यधिक विद्यालयों में शिक्षक के अभाव में कंप्यूटर धूल फांक रहा है। सरकार का तमाम योजना विद्यालय के कमरे में दफन हो गई। एक भी छात्र-छात्राएं कंप्यूटर का शिक्षा नहीं ले सकें। शहर के टाउन इंटर उच्च विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक ब्रजकिशोर सिंह ने बताया कि इस विद्यालय में दो कंप्यूटर उपलब्ध है। लेकिन कम्प्यूटर शिक्षक नहीं होने के कारण पढ़ाई नहीं हो पा रही है।

विभाग से कई बार कंप्यूटर शिक्षक की मांग की गई, परंतु पदस्थापित नहीं कराया गया। वहीं, मदनपुर प्रखंड के उच्च विद्यालय वार के शिक्षक परशुराम कुमार ने बताया कि करीब वर्ष 2008-09 में एक दर्जन कंप्यूटर उपलब्ध कराया गया था। उस वक्त एक शिक्षक पदस्थापित थे, परंतु उन्हें यहां से हटा दिया गया। वह कंप्यूटर मृतप्राय हो गया है। अभी विद्यालय में एक कंप्यूटर कार्य कर रहा है। विद्यालय में कोई संबंधित शिक्षक नहीं हैं। एक दो जानकार शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं। बता दें कि यह स्थिति एक दो विद्यालय की नहीं बल्कि 80 प्रतिशत विद्यालय की है। अधिकतर विद्यालय में संबंधित शिक्षक नहीं है। 

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