रजिस्ट्री ऑफिस में पानी के लिए आम-खास त्रस्त, अफसर अनभिज्ञ
-महीनों से खराब पड़ा है आरओ खरीदकर या फिर दूषित पानी पीना मजबूरी -------- अव्यवस्था -प्रतिदिन लाखों रुपये का यहां होता है राजस्व का संग्रह -डीड राइटर को स्वयं खर्च आम लोगों के लिए मंगाना पड़ता है आरओ का पानी --------- -40 से 50 रुपये खर्च कर पानी का डब्बा मंगाते हैं डीड राइटर -10 बजे सुबह से ही पहुंचने लगती हैं लोग पानी के लिए होते हैं दर-बदर ------------ नीरज कुमार गया
पानी हर व्यक्ति की जरूरत है। चाहे वह आम हो या फिर खास। रजिस्ट्री ऑफिस में पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है। आम हो या फिर खास, पानी खरीदकर प्यास बुझाते हैं। यहां कार्यरत सरकारी कर्मी भी खुद घर से पानी लाते हैं। इतना ही नहीं जिनकी बदौलत सरकार को राजस्व प्राप्त होता यानि डीड राइटर भी खुद पानी खरीदकर पीते हैं। सरकारी कर्मी का यह हाल है तो फिर सैकड़ों की संख्या में आने वाले आम लोगों की स्थिति का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। लोग पानी के लिए तरस रहे हैं और
जिला अवर निबंधन पदाधिकारी के लिए कोई समस्या नहीं है। उनके अनुसार यहां पानी की पूर्ण व्यवस्था है।
--- आरओ शोभा की वस्तु
बांकेबाजार निवासी सतीश साहू ने कहा कि रजिस्ट्री ऑफिस जमीन बेचने के लिए गुरुवार सुबह 10 बजे आते थे। चूंकि पहली बार आए थे, उन्हें नहीं पता था कि यहां पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। कई लोगों से पूछा तो सभी ने कहा कि बाहर होटल है। वहां पानी मिलेगा। फिर पूछा यहां आरओ लगा है। क्या पानी नहीं मिलता है? तब सरकारी कर्मी ने कहा कि महीनों से बंद पड़ा है। हां इतना जरूर है कि टंकी का पानी है, जिस पीकर प्यास बुझा सकते हैं।
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तो गर्मी में क्या होगा
पटना से संगीता शर्मा, राहुल कुमार एवं विश्वजीत कुमार कहते हैं, रजिस्ट्री ऑफिस से अच्छा प्रखंड का कार्यालय है। यहां आरओ का पानी तो नहीं है, लेकिन बोरिग की पानी की व्यवस्था है। दुर्भाग्य है कि यहां लाखों रुपये राजस्व का भुगतान कर जमीन खरीदने आए हैं, लेकिन एक बूंद स्वच्छ पानी नहीं है। पूरे परिवार के लिए बाजार से 200 रुपये की पानी खरीदे हैं। तब जाकर जान बची है। जब सर्दी के मौसम में यह हाल है तो गर्मी में क्या होगा?
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खुद खरीदते हैं पानी का डब्बा
बिहार दस्तावेज नवीस संघ के प्रदेश महामंत्री मुरारी प्रसाद सिन्हा का कहना है कि रजिस्ट्री ऑफिस में केवल नाममात्र का आरओ लगा है। आरओ मशीन महीनों से खराब पड़ी हुई है। अभी यहां केवल टंकी का पानी उपलब्ध है। उस टंकी की सफाई वर्ष पहले की गई थी। ऐसे में टंकी के पानी पीने से कई बीमारी से लोग ग्रसित हो रहे हैं। इसे ध्यान में रखकर जितने भी डीड राइटर हैं, वे अपने बैठक स्थल पर प्रत्येक दिन सभी डीड राइटर 40 से 50 रुपये खर्च कर पानी का डब्बा मंगाते हैं। तब जाकर जो लोग जमीन रजिस्ट्री कराने आते हैं, उनकी प्यास बुझाई जाती है। जबकि बुनियादी सुविधा के लिए अपर निबंधन पदाधिकारी के पास राशि मौजूद है।
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विभाग के स्तर से आम लोगों की सुविधा का ख्याल रखकर पानी की व्यवस्था की गई है। एक आरओ लगाया गया है। इससे स्वच्छ पानी लोग ले रहे हैं। यहां पानी की कोई समस्या नहीं है। अलग से भी पानी की व्यवस्था कराई गई है।
रीवा चौधरी, जिला अवर निबंधन पदाधिकारी, गया