बंध्याकरण की तुलना नसबंदी सुरक्षित
गया। जनसंख्या नियंत्रण के लिए महिलाओं के बंध्याकरण से ज्यादा आसान और सुरक्षित है-पुरुष नसबंदी।
गया। जनसंख्या नियंत्रण के लिए महिलाओं के बंध्याकरण से ज्यादा आसान और सुरक्षित है-पुरुष नसबंदी। किसी तरह का चीड़-फाड़ और टांका की जरूरत नहीं होती। नसबंदी के आधा घंटा बाद व्यक्ति पैदल चलकर घर जा सकता है। उक्त बातें क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक पियूष रंजन ने गुरुवार को जेपीएन में आयोजित प्रशिक्षण के दौरान कही। बताया गया कि पुरुष नसबंदी को लेकर प्रमंडलीय स्तर पर गया और औरंगाबाद के एक-एक चिकित्सक को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जहानाबाद के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. प्रभात अखौरी प्रशिक्षण दे रहे हैं।
बताया गया कि जिनका भी परिवार पूरा हो गया उस घर के पुरुष सदस्य नसबंदी करा सकते हैं। नसबंदी कराने वाले पुरुष के परिवार में कम से कम तीन साल का एक संतान होना चाहिए। प्रशिक्षण शनिवार को भी दिया जाएगा। नसबंदी कराने पर सरकार प्रोत्साहन राशि भी देती है।
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-- पांच जिलों से 14 एएनएम ले रहीं कॉपर टी का प्रशिक्षण --
मगध प्रमंडल के सभी पांच जिलों की 14 एएनएम को कॉपर टी लगाने संबंधी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। गया जिले से 4, जहानाबाद से 2, नवादा से 3, औरंगाबाद से 3 व अरवल से 2 एएनएम जेपीएन में पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण में भाग ले रही हैं। जेपीएन अस्पताल की चिकित्सक डॉ. शहला नाजनीन एएनएम को प्रशिक्षण दे रही हैं। इस प्रशिक्षण में जपाइगो भी सहयोग कर रही है। गौरतलब है कि गर्भनिरोध साधन के रूप में एक निश्चित अंतराल के लिए महिलाओं को कॉपर टी लगाया जाता है। शुक्रवार को इन एएनएम के बीच सर्टिफिकेट वितरण होगा।