नवादा में थम नहीं रहा कोयले का काला कारोबार, डिपो संचालक पर लगाया सवा दो लाख जुर्माना

नवादा जिले में संचालित अवैध कोयला डिपो पर कार्रवाई शुरू की गई है। एसडीओ की छापेमारी के बाद ऐसे ही एक कोल डिपो से 2 33 650 रुपये जुर्माना वसूला गया है। क्षेत्र में बड़ी संख्‍या में अवैध रूप से कोल डिपो चल रहे हैं।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 11:01 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 11:01 AM (IST)
नवादा में थम नहीं रहा कोयले का काला कारोबार, डिपो संचालक पर लगाया सवा दो लाख जुर्माना
कोयला डिपो को सील कराते एसडीओ। फाइल फोटो

रजौली (नवादा), संवाद सूत्र। थाना क्षेत्र के हरदिया स्थित संजीव कुमार के कोयला डिपो के संचालक पर करीब सवा दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इस कार्रवाई से अन्‍य कोयला डिपो संचालकों में हड़कंप मच गया है। मालूम हो कि पटना-रांची मार्ग पर नवादा में कई जगह एक तरह से कोयला डंपिंग यार्ड बन गए हैं। अवैध रूप से कोयला का काला खेल चलता है।

एसडीओ ने की थी कोयला डिपो पर छापेमारी

गौरतलब है कि बीते शनिवार को एसडीओ चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व में संजीव कुमार के कोयला डिपो पर छापेमारी की गई थी। इसकी सूचना के बाद सहायक खनन पदाधिकारी विजय प्रसाद सिंह ने डिपो को सील कर दिया था। इसके बाद डिपो संचालक ओमप्रकाश के पुत्र संजीव कुमार को डंपिंग यार्ड के भंडारण के कागजातों के अलावा दो ट्रकों पर बरामद कोयले से जुड़े कागजात दिखाने को कहा गया था। इसे डीपो संचालक ने खनन कार्यालय में जाकर कोयला खरीद के संबंध में साक्ष्य उपलब्ध कराया गया। परंतु भंडारण का लाइसेंस प्राप्त नहीं किया  था।

दो लाख 33 हजार 650 रुपये लगाया जुर्माना

इस कारण सहायक खनन पदाधिकारी ने बिहार खनिज सामान उद्यान, अवैध खनन, भंडारण, परिवहन एवं निवारण नियमावली 2019 के नियम के 39 का उल्लंघन एवं दंडनीय अपराध बताते हुए समेकित दंड के रूप में 2 लाख 33 हजार 650 रुपये जुर्माना लगाया था। सोमवार को डीपो संचालक ने वह राशि जमा कर दी। इसके बाद डिपो से कोयला के साथ ट्रकों पर लदे कोयले को 18 अप्रैल तक हटाने का आदेश दिया गया है। इसकी सूचना अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं थानाध्यक्ष को प्रतिलिपि के रूप में भेजी गई। 

अवैध रूप से चल रहे कई कोयला डिपो

बता दें कि पटना-रांची राजमार्ग 31 पर रजौली से नवादा के बीच कई कोयला डंपिग जोन बना हुआ है। अधिकांश अवैध रूप से संचालित है। दरअसल, इन डंपिग जोन की आड़ में काेयला का अवैध कारोबार होता है। झारखंड की ओर से आने वाले ट्रकों से काेयला की चोरी ऐसे स्थानों पर की जाती है। जितना कोयला या डस्ट की चोरी की जाती है उसके वजन को मेंटेन रखने के लिए पानी डाल दिया जाता है। फिलहाल, रजौली एसडीओ की निगाहें ऐसे कारोबारियों पर तिरछी हुई है तो हड़कंप मचा हुआ है।

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