नौवीं से 11वीं तक के बच्चे नहीं जानते पीएम और सीएम के नाम

लोगो ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड ----------- -शिक्षा व्यवस्था पर करोड़ों खर्च के बाद भी गुणात्मक सुधार नहीं रंगलाल प्लस 2 उवि की पढ़ाई संतोषजनक नहीं --------- अव्यवस्था -लंच के बाद नहीं लगती कक्षाएं कोर्स भी आधे अधूरे -विज्ञान के छात्रों को नहीं कराया जाता प्रैक्टिल शिक्षकों का भी अभाव --------- -1914 में शिक्षाप्रेमी व जमींदार रंगलाल कुंवर ने की थी स्थापना -26 जनवरी और 15 अगस्त पर ही गीत संगीत की शिक्षा -04 शौचालय और दो सबमर्सिबल के माध्यम से पेयजल की सुविधा ----- संवाद सहयोगी शेरघाटी

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Nov 2019 07:13 PM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 07:13 PM (IST)
नौवीं से 11वीं तक के बच्चे नहीं जानते पीएम और सीएम के नाम
नौवीं से 11वीं तक के बच्चे नहीं जानते पीएम और सीएम के नाम

गया । राज्य और केंद्र सरकारे शिक्षा व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं दिख रहा। कई योजनाएं चल रही हैं, जिन पर सरकारें पानी की तरह पैसे बहा रही हैं। बावजूद इसके स्कूलों की स्थिति बदहाल है। शिक्षकों की लापरवाही और आम लोगों की निष्क्रियता के कारण गुणात्मक सुधार नहीं दिख रहा है।

इसी परिप्रेक्ष्य में दैनिक जागरण के ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड अभियान के तहत हमने शेरघाटी के ऐतिहासिक रंगलाल प्लस 2 उच्च विद्यालय का जायजा लिया। इस दौरान कई बच्चों से सीधे सवाल किया कि प्रधानमंत्री कौन हैं? बिहार के मुख्यमंत्री कौन हैं? नौवीं से लेकर 11 वीं तक के कई विद्यार्थी इन सवालों के जवाब नहीं दे सके।

वर्ष 1914 में शिक्षाप्रेमी व जमींदार रंगलाल कुंवर द्वारा स्थापित इस विद्यालय में कक्षाएं व अन्य गतिविधियों का संचालन संतोषजनक नहीं है। सुबह जब जागरण प्रतिनिधि विद्यालय पहुंचे तो एनसीसी शिक्षक शबाब खान बच्चों को अभ्यास करा रहे थे। एक दो अन्य शिक्षक उनकी सहायता के लिए उपस्थित थे। कक्षा नौवीं की तीन एवं दसवीं की तीन कक्षाएं संचालित थीं। कुछ शिक्षक विद्यालय परिसर के लॉन में धूप का आनंद ले रहे थे। विद्यालय में इंटर प्रथम वर्ष का पंजीकरण किया जा रहा था। स्मार्ट क्लास रूम में विज्ञान शिक्षक अशोक सिंह अन्य शिक्षको के साथ प्रैक्टिकल की कॉपी जाच कर छात्रों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे थे। बगल के रूम में उच्चतर माध्यमिक के विज्ञान शिक्षक बृजमोहन यादव, इंटर कला एवं विज्ञान के छात्रों के पंजीकरण के कार्य में व्यस्त थे।

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छात्रों को विषय तक

की जानकारी नहीं

इंटर कला प्रथम वर्ष के एक छात्र से जब विषय के बारे में पूछा गया तो नाम भी नहीं बता सके। इतना जरूर कहा कि कक्षाएं नहीं चलतीं। इसी प्रकार एक अन्य विद्यार्थी भूगोल की अंग्रेजी नहीं बता सके। विज्ञान संकाय में भी कुछ इसी प्रकार के उदाहरण मिले।

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लंच के बाद कक्षाएं नहीं लगतीं

नवमी के विद्यार्थियों ने कहा कि यहा विषयगत पढ़ाई होती है। अंग्रेजी शिक्षक प्रकाश की प्रशसा की। छात्रों ने बताया कि सुबह की चार कक्षाएं लगती हैं और पढ़ाई भी होती है, लेकिन लंच के बाद कक्षाएं नहीं लगतीं।

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स्पो‌र्ट्स में भी रुचि

एथलेटिक्समें जिला स्तर पर भाग लेकर लौटे रोहित कुमार ने कहा कि हमारे खेल शिक्षक नंदकिशोर भगत के द्वारा एथलेटिक्स का प्रशिक्षण समय पर दिया जाता है। इसके कारण हमलोग जिलास्तर तक भाग ले रहे हैं।

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शिक्षक को बीएलओ बनाए

जाने के कारण पढ़ाई बाधित

विद्यालय के छात्रों ने कहा कि बीएलओ बनाए जाने के कारण कई शिक्षकों का क्लास काफी पीछे है। जो भी शिक्षक बीएलओ हैं उनका सेलेबस पूर्ण नहीं हो सकेगा। नौवीं एवं दसवीं के छात्रों ने कहा कि इतिहास एवं भूगोल के शिक्षक नहीं रहने के कारण पढ़ाई नहीं होती है। उच्चतर माध्यमिक में इसके शिक्षक हैं, लेकिन वे माध्यमिक की कक्षाएं नहीं लेते।

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साइंस और कम्प्यूटर

लैब शोभा की वस्तु

छात्रों ने बताया कि साइंस और कम्प्यूटर लैब विद्यालय में शोभा की वस्तु है। कभी कभी भौतिकी के शिक्षक अशोक सिंह प्रैक्टिकल कराते हैं। रसायन विज्ञान में अब तक एक बार ही लैब हो सका है, जबकि बायो का एक भी दिन नहीं हुआ है।

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शिक्षक होने के बाद भी

गीत-संगीत की शिक्षा नहीं

छात्रों ने कहा कि संगीत के शिक्षक हैं, लेकिन छात्रों को संगीत गाने या बजाने का गुर नहीं सिखाया जा रहा है। किसी कार्यक्रम के मौके पर केवल प्रदर्शन के लिए तैयारी करा दिया जाता है। जैसे 26 जनवरी, 15 अगस्त आदि।

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संसाधन पर्याप्त

विद्यालय में संसाधन की कमी नहीं है। बच्चों के बैठने के उपस्कर से लेकर साइंस लैब, कम्प्यूटर लैब आदि की उपलब्धता है, लेकिन उसका नियमित संचालन नहीं है। विद्यालय में चार यूनिट शौचालय एवं दो सबमर्सिबल के माध्यम से पेयजल की सुविधा उपलब्ध है। आरओ प्लाट लगाया जाना है।

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उच्चतर माध्यमिक : 12 शिक्षक

माध्यमिक : नौ शिक्षक

शिक्षकेतर कर्मी : पांच

छात्रों की संख्या : 1594

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इन विषयों के शिक्षक नहीं

एचएम शिवकुमार राय बताते हैं, रसायन, जीव विज्ञान, समाजशास्त्र, राजनीति शास्त्र, हिदी एवं मनोविज्ञान के शिक्षक नहीं हैं। गणित और भौतिकी में अतिथि शिक्षक हैं। विद्यालय में शिक्षक और कमरे बढ़ाए जाने की आवश्यकता है ताकि पठन-पाठन सुचारू रूप से चल सके।

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कई स्कूलों में शिक्षकों

की कमी : बीईओ

शेरघाटी प्रखंड के प्रभारी बीईओ रामचंद्र प्रसाद बताते हैं, प्रखड के नौ पंचायतों के अंतर्गत पांच उत्क्रमित उच्च विद्यालय हैं, जबकि दो पुराने विद्यालय। वहीं, एक अनुदान प्राप्त वित्तरहित हाईस्कूल है। उत्क्रमित उच्च एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में केवल उवि नकनूपा में छह शिक्षक हैं। शेष चार उत्क्रमित व हाईस्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं हैं। इनमें तीन का उच्चतर माध्यमिक के लिए क्रमश: उच्चतर माध्यमिक कचौड़ी, उचिरवा एवं कजरसोत में भवन बन चुका है। बेला पंचायत के मोहनपुर में भूमि के अभाव में भवन का निर्माण रुका है। इधर प्रखंड का एकमात्र प्रोजेक्ट कन्या इंटर स्कूल शेरघाटी में छात्राओं की संख्या इतनी अधिक है कि कक्षाओं का संचालन दो पाली में किया जाता है।

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