गया में नहाए खाए के साथ हुआ शुरू लोक आस्था का महापर्व छठ

लोक आस्‍था का महापर्व छठ की महिमा प्रसिद्ध है। चार दिवसीय इस पर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है। आज (8 नवंबर) को बिहार के गया औरंगाबाद नवादा सासाराम और कैमूर सहित सभी जिलों में छठ व्रतियों ने नदियों और सरोवरों में स्‍नान के साथ पूजा की शुरुआत की।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Mon, 08 Nov 2021 10:22 AM (IST) Updated:Mon, 08 Nov 2021 10:32 AM (IST)
गया में नहाए खाए के साथ हुआ शुरू लोक आस्था का महापर्व छठ
गया के सूर्यकुंड में स्‍नान कर पूजा-अर्चना करतीं छठ व्रती। जागरण फोटो।

गया, जागरण संवाददाता। लोक आस्‍था का महापर्व छठ की महिमा प्रसिद्ध है। चार दिवसीय इस पर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है। आज (8 नवंबर) को गया के पौराणिक सरोवर सूरजकुंड में छठ व्रतियों ने स्नान करने के उपरांत चार दिवसीय छठ पर्व की शुरुआत की। सूर्योदय के साथ ही सूरजकुंड में व्रतियों का आना शुरू हुआ और स्नान करने के बाद सूर्य मंदिर में भगवान भास्कर का दर्शन कर पर्व की शुरुआत की। फल्गु नदी में भी कई घाटों पर व्रतियों को स्नान और पूजा करते देखा गया। धार्मिक शहर गया में पूरा माहौल छठ पर्व के गीत से आस्‍थामय बन गया है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्‍या में लोगों ने नहाय-खाय के साथ पर्व की शुरुआत की । इस मौके पर सभी घरों में अरवा चावल के भात, दाल, कद्दू और अगस्त के फूल का विशेष प्रसाद बनाया जाता है। जिसे परिवार के साथ साथ इष्ट मित्रों को भी निमंत्रण देकर प्रसाद दिया जाता है। इस बार अगस्त के फूल की कीमत पिछले वर्षों से अधिक है।

टिकारी प्रखंड क्षेत्र के प्रमुख छठ घाटों की साफ-सफाई का कार्य किया जा रहा है। नगर परिषद के गठन के बाद शामिल टिकारी के प्रसिद्ध पंचदेवता छठ घाट पर इस वर्ष नगर प्रशासन विशेष रूप से सक्रिय है। पिछले दो वर्षों से कोरोना संक्रमण के कारण छठ घाटों पर अध्र्य अर्पण करने पर रोक के बाद इस वर्ष लोग उत्साह के साथ श्रद्धालु और छठव्रती पर्व की तैयारी में लगे हैं। इस वर्ष पुन: पूर्व की भांति इन घाटों पर छठ और लगने वाला मेला की तैयारी स्थानीय छठ पुजा समितियों द्वारा जोर शोर से की जा रही है।

टिकारी के प्रमुख छठ घाट

1 सिमुआरा सूर्य मंदिर       2 मउ सूर्य मंदिर

3 पाण्डे विगहा सूर्य मंदिर   4 खनेटु सूर्य मंदिर

5 रेवई सूर्य मंदिर              6 लाव सूर्य मंदिर

7 अकबरपुर सूर्य मंदिर आदि।

मोरहर नदी में प्रमुख छठ घाट-

1 पंचदेवता घाट     2 पंचानपुर घाट   3 नेपा घाट

4 पडरिया घाट    5 लक्खीबाग घाट   6 कुसाप घाट

7 रूपसपुर घाट   8 चकमठ घाट   9 लाव घाट

10 डुमरसन घाट  11 गहरपुर घाट 12 फेनागी घाट

13 रकसिया घाट 14 पंचमहला घाट  15 ङ्क्षसघापुर घाट  16 निमसर घाट    17 बाजितपुर घाट

बुढ़ नदी में प्रमुख छठ घाट

1  गुलजाना घाट   2 पुरा घाट   3 अर्क ढिबरिया घाट 4 अलालपुर घाट    5 पनशाला घाट

उक्त छठ घाटों पर कार्य करने वाली प्रमुख स्वयं सेवी संगठन व संस्थाएं जो प्रशासन के दिशा निर्देश के आलोक में छठ मेला को बेहतर बनाने में प्रमुख कार्य के साथ सामाजिक गतिविधियों को करने में अपना बहुमूल्य योगदान देते आ रहे हैं। यथा साफ सफाई, रोशनी, शुद्ध पेयजल, सुरक्षा, ट्रैफिक कंट्रोल, गोताखोरी, मेडिकल कैम्प आदि।

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