अराजक माहौल: चार वर्ष में टूटकर बिखर गई पीपरडीह से आनंदपुर के रास्‍ते देव जाने वाली ग्रामीण सड़कें

ग्रामीण इलाके में सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है पर कार्य गुणवत्तापूर्ण नहीं हो रहा है। कार्य गुणवत्तापूर्ण नहीं होने के कारण सड़कें बनने के एक दो वर्ष बाद ही टूटने लगती है। पीपरडीह से देव तक की सड़क टूटकर गड्ढों में तब्दील हो गई।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 12:00 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 12:00 PM (IST)
अराजक माहौल: चार वर्ष में टूटकर बिखर गई पीपरडीह से आनंदपुर के रास्‍ते देव जाने वाली ग्रामीण सड़कें
चार साल भी नहीं चल सकी पीपरडीह से देव जाने वाली सड़क। जागरण।

जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। ग्रामीण इलाके में सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है पर कार्य गुणवत्तापूर्ण नहीं हो रहा है। कार्य गुणवत्तापूर्ण नहीं होने के कारण सड़कें बनने के एक दो वर्ष बाद ही टूटने लगती है। जीटी रोड  पीपरडीह से आनंदपुरा होते देव तक की सड़क बनने के दो वर्ष बाद भी टूटकर गड्ढों में तब्दील हो गया। करीब 11 किमी की यह सड़क औरंगाबाद से देव जाने व आने वालों के लिए महत्वपूर्ण सड़क है। कम दूरी व कम समय में लोग इस सड़क से देव से जिला मुख्यालय पहुंचते हैं।

कार व बाइक से आवागमन करने वाले लोग इसी सड़क का उपयोग करते हैं। देव से केताकी जाने वाली करीब छह किमी एवं देव से कंचनपुर जाने वाली करीब 8 किमी सड़क का निर्माण तीन वर्ष पहले कराया गया था पर सड़क टूटकर विखर गया है। यह सड़क नक्सल अभियान के लिए महत्वपूर्ण है। देव से दक्षिणी इलाके में नक्सल अभियान में जाने वाले सुरक्षाबल इसी सड़क से आवागमन करते हैं। दरअसल सड़कों का निर्माण कराने वाले ठेकेदारों को पांच वर्ष तक अनुरक्षण करना होता है पर निर्माण के बाद अनुरक्षण नहीं कर पाते हैं। अनुरक्षण के नाम पर केवल खानापूर्ती करते हैं। इस कारण सड़क बनने के साथ ही पांच वर्षों के अंदर गड्ढों में तब्दील हो जाती है।

विधायक आनंद शंकर सिंह ने बताया कि औरंगाबाद  विधानसभा क्षेत्र में कई सड़कों का निर्माण कराया गया है पर कार्य गुणवत्तापूर्ण नहीं कराने और ठेकेदारों के द्वारा पांच वर्ष तक अनुरक्षण नहीं करने के कारण टूट गई है। विधायक ने कहा कि अगर अनुरक्षण मामले की जांच विभाग के वरीय अधिकारी के द्वारा किया जाए तो अनुरक्षण की राशि का घोटाला का मामला भी सामने आ सकता है। बिना अनुरक्षण किए राशि की निकासी का मामला पाया जा सकता है। उधर कार्यपालक अभियंता युगेश्वर सिंह ने बताया कि सड़कों का निर्माण करने वाले ठेकेदारों को पांच वर्ष तक अनुरक्षण करना होता है। अनुरक्षरण नहीं करने वाले ठेकेदारों को डिवार किया जाता है। देव से केताकी रोड का निर्माण किए ठेकेदार को अनुरक्षण नहीं करने के कारण डिवार किया गया है।

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