स्तनपान से नवजात की मौत की संभावना 20 फीसद तक कम, माताओं को नहीं होता ये कैंसर
एक रिपोर्ट के मुताबिक जन्म के पहले घंटे में स्तनपान करने वाले नवजातों में मृत्यु की संभावना 20 प्रतिशत तक कम हो जाती है। स्तनपान कराने वाली माताओं में स्तन एवं ओवरी कैंसर होने का खतरा कम रहता है। एक से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा
गया, जागरण संवाददाता। शिशुओं के लिए स्तनपान की महत्ता पर सामुदायिक जागरूकता लाने के लिए अगस्त का पहला सप्ताह विश्व स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाया जायेगा। जिले में 1 से 7 अगस्त तक स्वास्थ्य विभाग ने विभिन्न स्तर पर विश्व स्तनपान सप्ताह मनाने का निर्णय लिया गया है। बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास तथा नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए स्तनपान के महत्व के प्रति मां को जागरूक किया जाएगा। बच्चों को कुपोषण से बचाने में स्तनपान के महत्व के उद्देश्य से विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाना है। आईसीडीएस की सहभागिता सुनिश्चित करने को कहा गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक जन्म के पहले एक घंटे में स्तनपान करने वाले नवजातों में मृत्यु की संभावना 20 प्रतिशत तक कम हो जाती है। पहले छह माह तक केवल स्तनपान करने वाले शिशुओं में डायरिया से होने वाली मृत्यु की संभावना 11 गुणा कम हो जाती है।
स्तनपान कराने वाली माताओं में स्तन व ओवरी कैंसर का कम खतरा
निमोनिया से होने वाली मृत्यु की संभावना 15 गुणा कम हो जाती है। स्तनपान करने वाले शिशुओं का समुचित शारीरिक व मानसिक विकास होता है। व्यस्क होने पर गैरसंचारी बीमारियों के होने का खतरा कम रहता है। स्तनपान कराने वाली माताओं में स्तन एवं ओवरी कैंसर होने का खतरा कम रहता है।
दूध का बोतल मुक्त परिसर घोषित होंगे सदर अस्पताल
स्तनपान के प्रति जागरूकता के लिए जिला व प्रखंड स्तर पर कार्यशाला का आयोजन कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार किया जाना है। सभी सदर अस्पताल एवं प्रथम रेफरल इकाई को दूध की बोतल मुक्त परिसर घोषित स्तनपान की सुविधा के लिए अस्पतालों में ब्रेस्टफीङ्क्षडग कार्नर
सभी अस्पतालों में स्तनपान कक्ष यानि ब्रेस्टफीङ्क्षडग कार्नर स्थापित किया जाना है। आंगनबाड़ी सेविका व आशा स्वच्छता व पोषण दिवस में सभी दो वर्ष तक के बच्चों की माताओं को बुलाकर स्तनपान कराने के लिए अभ्यास कराएंगी। इस पूरे प्रोग्राम की मानिटिङ्क्षरग के लिए स्वास्थ्य व आईसीडीएस के अधिकारियों को ड्यूटी पर लगाया जाएगा।