BPSC 64th final result: 98वां रैंक लाकर औरंगाबाद की नैंसी बनी अफसर बिटिया, रोशन किया गांव का नाम
सच ही कहा गया है कि प्रतिभा रुकती नहीं निरंतर आगे बढ़ती ही जाती है और मंजिल उनके लिए खड़ी रहती है बशर्ते कि मन मे लगन और दिल मे कुछ करने की तमन्ना हो। ऐसा ही उदाहरण 26 वर्षीय नैंसी कुमारी ने कर दिखाया है।
संवाद सूत्र, हसपुरा (औरंगाबाद)। सच ही कहा गया है कि प्रतिभा रुकती नहीं ,निरंतर आगे बढ़ती ही जाती है और मंजिल उनके लिए खड़ी रहती है बशर्ते कि मन मे लगन और दिल मे कुछ करने की तमन्ना हो। ऐसा ही उदाहरण 26 वर्षीय नैंसी कुमारी ने कर दिखाया है, जिसने बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा में 98वां रैंक लाकर परिवार समेत पूरे प्रखंड का नाम रौशन किया है। नैंसी का सेलेक्शन आपूर्ति पदाधिकारी में हुआ है।
हसपुरा पंचायत के नरसन्द गांव की नैंसी के पिता शिवनारायण सिंह अपने पंचायत डुमरा गांव में ही मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद से कुछ ही दिन पूर्व रिटायर किये हैं। दादा स्व.राजा राम सिंह आर्मी में रहकर हवलदार के पद को ईमानदारी व बहादुरी के साथ सुशोभित किया था। एक चाचा अरविंद कुमार रेलवे में कार्यरत हैं तो दूसरे चाचा डॉ. ललन सिंह नौकरी से रिटायर कर चुके हैं। इनके परिवारिक पृषभूमि की शिक्षित होने व व्यवहारों की चर्चा गांव से लेकर ब्लॉक तक होती रहती है।
माता रजंती देवी गृहिणी हैं। नैंसी के पति विकास कुमार भी आर्मी में नौकरी करते हैं। वह कन्या उच्च विद्यालय हसपुरा से 2012 में 75 प्रतिशत अंक लाकर मैट्रिक में भी प्रखंड का नाम रौशन किया था। वर्ष 017 में गणित विषय से महिला कॉलेज हसपुरा से बीएससी प्रथम डिवीजन से पास की। उसके बाद बीपीएससी परीक्षा की तैयारी में जुट गई। इसी बीच 019 मे नैंसी की शादी हो गई। लेकिन, दिलचस्प की बात है कि वह अपने मंजिल पाने के लिए निरंतर संघर्ष करती रही। नैंसी की सफलता से उसके ससुराल रहे दाउदनगर प्रखंड के नीमा गांव से लेकर नरसन्द गांव समेत पूरे प्रखण्ड मे खुशी का माहौल कायम है।
जब नैंसी ससुराल से अपने गांव पहुंची तो उसके पिता, चाचा, परिजन समेत पूरे गांव के लोगों ने बधाई दिया। गांव मे इतनी खुशी है कि इसका वर्णन नही किया सकता। यानी खुशी व उत्सव का माहौल है। सभी कर रहे नैंसी को तरक्की व लंबी उम्र की कामना। प्रथम बार में सफल प्राप्त करने वाली नैंसी में बचपन से ही प्रतिभा थी। नैंसी की लगन व मेहनत को सभी सलाम कर रहे हैं।
वह बताती है कि मन में जो सपना था कि बीपीएससी करूं, इसके लिए वह पढ़ाई पटना चली गई। परिवार का भी सहयोग मिला। लगन व मेहनत ने रंग दिखाया। जिसका परिणाम इस वर्ष उसे हासिल हुआ। वे इस सफलता का श्रेय माता पिता, भाई, शिक्षक समेत पूरे परिवार को देते हैं। बताती हैं कि वह सरकारी सेवा देते हुए और भी आगे पढ़ाई जारी रखेगी, क्योंकि उनका तमन्ना है देश सेवा करने की।
उनका कहना है कि यदि मन मे किसी पद को पाने के लिए दृढ़ इच्छा हो और वह लगन से मेहनत करे तो उसे मंजिल मिल ही जाती है। ग्रामीण बताते हैं कि ऐसे छात्र से अन्य छात्र को प्रेरणा लेने की जरूरत है ताकि वे भी कुछ कर के परिवार व क्षेत्र का नाम रौशन कर सके।