नवादा में बस से कुचलकर बालक की मौत, सड़क पर उतरे आक्रोशित लोग; घंटों लगा रहा जाम
दुर्घटना में छात्र की मौत के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दिया जिससे यातायात बाधित हो गया। दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई। घटना के बाद जाम की सूचना पर पहुंची पकरीबरावां पुलिस ने लोगों को समझाकर जाम हटाने का प्रयास की परंतु लोग नहीं माने।
संवाद सूत्र, पकरीबरावां (नवादा)। पकरीबरावां में सड़क हादसे में एक आठ वर्षीय छात्र की दर्दनाक मौत हो गई। घटना पकरीबरावां बाजार के मोहनबीघा में मंगलवार की दोपहर घटी, जहां बालक की कुचलकर दर्दनाक मौत हुई है। बताया जाता है कि पिण्डपड़वा गांव के सुभाष चौहान के पुत्र बिपिन कुमार साइकिल पर सवार होकर पकरीबरावां बाजार से कोचिंग पढ़कर घर लौट रहा था। इसी बीच मोहनबीघा के पास बंगाल टाइगर नामक बस की चपेट में आ गया। बस का पिछला पहिया के नीचे आए छात्र पहिया में फंसकर कुछ दूर घिसटते चला गया। अंततः उसकी घटनास्थल पर दर्दनाक मौत हो गई। दुर्घटना के बाद बस चालक भाग निकला एवं उसमें सवार यात्री वहां से हट गए। देखते ही देखते घटनास्थल पर लोगों की भीड़ जुट गई। इसकी जानकारी परिजनों को भी दी गई। कुछ ही समय में परिजन घटनास्थल पर पहुंचे।
आक्रोशित लोगों ने की सड़क जाम
सड़क दुर्घटना में छात्र की मौत के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दिया, जिससे यातायात बाधित हो गया। दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई। घटना के बाद जाम की सूचना पर पहुंची पकरीबरावां पुलिस ने लोगों को समझाकर जाम हटाने का प्रयास की, परंतु लोग नहीं माने। स्वयं थानाध्यक्ष नागमणी भास्कर ने लोगों को समझाने की कोशिश की, परंतु ग्रामीण वरीय पदाधिकारी को बुलाने पर अड़े थे। इस बीच पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि मोहम्मद नेयाज अख्तर सहित कई जनप्रतिनिधियों और प्रखंड विकास पदाधिकारी नीरज कुमार के बाद अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मुकेश कुमार साहा भी घटनास्थल पर पहुंचकर समझाया। हर सम्भव सरकारी सहायता दिलाए जाने के आश्वासन के बाद जाम हटाया गया। इस बीच दो घंटे के जाम के बाद नवादा-जमुई पथ पर यातायात बहाल हुआ। पुलिस ने डेड बॉडी को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
सड़क हादसे में आठ वर्षीय छात्र की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। छात्र की मां रो-रोकर बेहोश हो रही थी। अन्य परिजनों का भी रो-रोकर बुरा हाल था। ग्रामीणों ने बताया कि बिपिन काफी होनहार था। वह छठी कक्षा में पड़ता था। प्रतिदिन कोचिंग के लिए पकरीबरावां जाया करता था। हादसा एवं परिजनों का क्रंदन सुनकर हर किसी की आंखें नम हो रही थी।