बीजेपी के मंत्री ने भरे मंच से बताई मजबूरी, 74 सीट जीतकर भी नीतीश को बनाया बिहार का मुख्यमंत्री
औरंगाबाद में आयोजित भाजयुमो की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में मंत्री ने कहा कि बिहार में काम करना आसान नहीं है क्योंकि चार-चार विचार धाराएं एक साथ लड़ती हैं। जब नेतृत्व आपका होता है तब चीजें आसान हो जाती हैं।
जागरण टीम, औरंगाबाद। बिहार की राष्ट्रीय जन तांत्रिक गठबंधन (राजग) में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। जनसंख्या नियंत्रण कानून और जातीय जनगणना को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल यूनाइटेड में तल्खी सार्वजनिक हो चुकी है। बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने एकबार फिर आग में घी का काम कर दिया है। औरंगाबाद में आयोजित भाजयुमो की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में मंत्री ने कहा कि बिहार में काम करना आसान नहीं है, क्योंकि चार-चार विचार धाराएं एक साथ लड़ती हैं। जब नेतृत्व आपका होता है तब चीजें आसान हो जाती हैं। बिहार में हम लोगों के लिए बहुत चुनौती है। उन्होंने कहा कि हमने 74 सीट जीतकर भी नीतीश को सीएम माना है।
पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में चार-चार विचारधाराएं साथ चल रही हैं। राज्य में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), जनता दल यूनाइटेड (जदयू), विकासशील इंसान पार्टी (वाआइपी) और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) का गठबंधन है। ऐसे में बहुत कुछ सहना पड़ता है। उन्होंने याद दिलाया कि 2020 में संपन्न विधानसभा चुनाव में बीजेपी 74 सीटें जीतकर आई, वहीं जदयू के 43 विधायकों को सफलता मिली। इसके बाद भी हमने मुख्यमंत्री का पद जदयू को दिया। नीतीश कुमार बिहार के सीएम बने। सम्राट चौधरी ने यह भी कहा कि बीजेपी के लिए ऐसा करना कोई नई बात नहीं है। साल 2000 में जब हम 68 सीटें जीते थे उस समय भी जदयू के 37 विधायक थे, तब भी हमने नीतीश कुमार को ही अपने नेता माना था। बता दें कि हाल ही में बीजेपी के वरिष्ठ नेता व बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा था कि हम अकेले बिहार में सरकार बनाने का दम रखते हैं। हाजीपुर में आयोजित भाजपा जिला कार्यसमिति की बैठक में उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा और 2025 के विधानसभा चुनाव में बिहार में बीजेपी अकेले सरकार बनाने की ताकत रखती है।