सांसद-विधायक की गुमशुदगी का पोस्टर लगाने पर भड़के भाजपा-जदयू कार्यकर्ता, कहा,ओछी राजनीति
गया शहर में जदयू सांसद विजय मांझी और भाजपा विधायक डॉ. प्रेम कुमार की गुमशुदगी का पोस्टर लगाने पर जदयू व भाजपा कार्यकर्ताओं ने गहरी नाराजगी जताई है। कहा कि यह ओछी राजनीति है। सांसद और विधायक लगातार लोगों की सेवा में लगे हैं।
गया, जागरण संवाददाता। स्थानीय जदयू सांसद विजय मांझी (JDU MP Vijay Manjhi) और पूर्व मंत्री सह भाजपा विधायक डॉ. प्रेम कुमार (Former Minster and BJP MLA Dr Prem Kumar) की गुमशुदगी का पोस्टर लगाए जाने पर जदयू और भाजपा ने कड़ी ऐतराज जताया है। दोनों दलों ने इसे विपक्ष की झूठी साजिश करार दिया है। कहा कि यह ओछी राजनीति की पराकाष्ठा है।
कोरोना काल में ज्यादा एक्टिव हैं सांसद
जदयू प्रखंड अध्यक्ष सतीश पटेल उर्फ रामाकांत ने कहा कि विपक्षी दल के किसी भी नेता में हिम्मत है तो सांसद विजय मांझी के मोबाइल का कॉल डिटेल्स निकाल कर देख लें। तब उन्हें पता चल जाएगा कि सांसद कोरोना काल के पहले से ज्यादा कोरोना काल में एक्टिव हैं। अधिक से अधिक लोगों को सहायता पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। लेकिन कुछ लोगों को ओछी राजनीति करने का संस्कार मिला हुआ है। धर्मेंद्र कुमार वर्मा, शिवपूजन प्रसाद, काशिफ अंसारी, रणधीर रजक, विकास पासवान, रंजीत कुशवाहा, दिलीप पटेल, प्रमोद पासवान, संजीत कुमार आदि ने भी पोस्टर लगाने की निंदा की है।
सांसद एवं विधायक की लोकप्रियता से घबरा गए हैं विपक्षी दलों के नेता
भाजपा के जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद और जिला मंत्री संतोष ठाकुर ने कहा कि याचिका समिति के सभापति सह विधायक डॉ प्रेम कुमार एवं सांसद विजय मांझी कोरोना से ग्रसित लोगों की मदद के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं। इनकी लोकप्रियता से चिंतित एवं लगातार 1990 से हारे थके लोगों ने गुमशुदा का पोस्टर चिपका दिया है। नेताओं ने कहा कि डॉ प्रेम कुमार ने उस समय कोरोना से बचाव को लेकर समाहरणालय में बैठक की जब कोरोना की रफ़्तार धीमी थी। अप्रैल माह में कोरोना में तेजी आने पर रोगियों का कैसे बेहतर इलाज हो, उस स्तर पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय, जिला प्रभारी मंत्री सैयद शहनवाज हुसैन, स्वास्थ्य सचिव प्रत्यय अमृत समेत अन्य से बातें करते रहे। गया को 10 टन लिक्विड ऑक्सीजन दिलाने में उनकी भूमिका रही।लगातार वर्चुअल मीटिंग से संवाद कर रहे हैं। साथ ही भाजपा पदाधिकारियों से ज़ूम मीटिंग के माध्यम से फीडबैक लेकर उपरोक्त कमियों को पूरा करने के लिए विभागीय पदाधिकारी को निर्देशित कर रहे हैं।