बिहार के रविकांत ने बनाई त्रिपुरा की प्रेम कथा, धारावाहिक का दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल पर होगा प्रसारण

बिहार के औरंगाबाद के दाउदनगर निवासी रविकांत ने त्रिपुरा की प्रेम कथा पर आधारित धारावाहिक चामुरुई ओम्पा बनाई है। इस टीवी धारावाहिक का प्रसारण दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल पर 19 जून से रात 1030 किया जाएगा। धारावाहिक में उत्तर पूर्व की सभ्यता एवं संस्कृति की खूबसूरती दिखाई गई है

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 10:49 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 01:13 PM (IST)
बिहार के रविकांत ने बनाई त्रिपुरा की प्रेम कथा, धारावाहिक का दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल पर होगा प्रसारण
दूरदर्शन, नेशनल पर बिहार निवासी रविकांत द्वारा बनाई गई धारावाहिक का होगा प्रसारण, सांकेतिक तस्‍वीर ।

दाउदनगर (औरंगाबाद), संवाद सहयोगी। त्रिपुरा की प्रेम कथा पर आधारित टीवी धारावाहिक "चामुरुई ओम्पा" का प्रसारण दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल पर 19 जून से रात 10:30 में आरंभ हो रहा है। इसका निर्देशन दाउदनगर प्रखंड के रेपुरा निवासी फिल्मकार, रंगकर्मी व लेखक रविकांत ने किया है। उन्होंने बताया कि इस धारावाहिक की कहानी अत्यंत लोकप्रिय है और दर्शकों को काफी पसंद आएगी। दूरदर्शन के शो स्वस्थ मनोरंजन करने वाले होते हैं। रविकांत ने बताया कि इस टीवी सीरियल के निर्माता “थर्ड ऑय आर्ट एंड क्राफ्ट” हैं। टीवी धारावाहिक “चामुरुई ओम्पा...एक प्रेम कथा” त्रिपुरा की सांस्कृतिक विरासत को संजोय उसकी पुरानी परंपरा पर आधारित एक प्रेम कहानी है। इसकी पूरी शूटिंग त्रिपुरा में ही हुई है। धारावाहिक के जरिए लोग उत्तर पूर्व की सभ्यता एवं संस्कृति के साथ-साथ इसके अनुपम सौंदर्य से परिचित हो सकेंगे।

रोचक व रोमांचकारी

रविकांत ने बताया कि इसकी रचना प्रक्रिया काफी लम्बी रही। मगर सीरियल बेहद रोचक और रोमांचकारी बनाया है। त्रिपुरा के सांस्कृतिक परिवेश वेशभूषा रहन-सहन के साथ ही यहां की प्रमुख भाषा कॉकबरक को भी धारावाहिक में उचित सम्मान मिला है। हिंदी धारावाहिक होने के बाद भी दो गीत कॉकबरक में रखे गए हैं। जिससे कॉकबरक भाषा की खूबसूरती से देश के अन्य भाग के लोग भी परिचित हों। त्रिपुरा की प्रसिद्द गायिका साधना रियांग ने कॉकबरक गीत को गाया है। शूटिंग त्रिपुरा विश्वविद्यालय, अगरतला शहर, उदयपुर, आथारोबोला, खुमपोईलोंग, मानिक्का, कामि कोताल, मातार बाड़ी, त्रिपुरेश्वरी मंदिर, दुम्बूर डैम, नीर महल, अमरपुर में किया गया है। रविकांत रेपुरा के निवासी हैं। इनके पिता शिक्षक थे। भाई रामाकांत शिक्षक हैं। किशोरावस्था से ही इनकी रुचि साहित्य में थी। 1990-2000 के दशक में इनकी एक कहानी तब एक प्रतिष्ठित दैनिक के साहित्य पेज पर प्रकाशित हुई थी।  तब से रविकांत लगातार फिल्मी दुनिया में सक्रिय हैं।

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