Bihar Police SI Result: टैक्सी ड्राइवर का बेटा पहले ही प्रयास में बना दारोगा, महिला सिपाही ने भी पेश की मिसाल

नवादा के गांव के मनीष कुमार अपने पहले ही प्रयास दारोगा पद पर चयनित हुए हैं। उनके पिता प्रताप सिंह टैक्सी ड्राइवर हैं । मंडल कारा में सिपाही की पद पर कार्यरत इसिका नारायण ने भी दारोगा के पद पर सफलता हासिल किया है। जानिए इनकी सफलता की कहानी

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 08:08 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 09:09 AM (IST)
Bihar Police SI Result: टैक्सी ड्राइवर का बेटा पहले ही प्रयास में बना दारोगा, महिला सिपाही ने भी पेश की मिसाल
गरीब घरों के अभ्‍यर्थियों ने कठिन डगर पर चलकर पाई सफलता, सांकेतिक तस्‍वीर ।

नवादा, जागरण टीम। सदर प्रखंड के सिद्धेश्वरपुर कोनियापुर निवासी मनीष कुमार अपने पहले ही प्रयास दारोगा पद पर चयनित हुए हैं। उनके पिता प्रताप सिंह टैक्सी ड्राइवर हैं और माता रेखा देवी गृहिणी हैं। बचपन से ही पढ़ाई के प्रति मनीष काफी गंभीर रहे। फिलहाल वे मुंगेर में भारतीय रेलवे में टेक्नीशियन पद पर कार्यरत हैं। वे बताते हैं कि जीवन काफी मुफलिसी में गुजरा। आर्थिक तंगी के चलते काफी परेशानी उठानी पड़ी। कादिरगंज के समीप देवनपुरा गांव स्थित ननिहाल में रहकर पढ़ाई की। नानी ने पढ़ाई के लिए हमेशा प्रेरित किया। जिसकी बदौलत आज यह मुकाम हासिल हो सका है। उन्होंने बताया कि इंटर स्कूल आंती से मैट्रिक और इंटर तक की पढ़ाई की। इसके बाद सेठ सागरमल अग्रवाल कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली। फिर नौकरी पाने के लिए तैयारियों में जुट गया। गत साल भारतीय रेलवे में नौकरी मिली। लेकिन मन में समाज से सीधे जुड़कर सेवा करने की इच्छा थी। इसलिए पुलिस की नौकरी करने की मंशा थी और अब यह कामयाबी मिल गई है। उन्होंने माता, पिता, भाई-बहन, नानी, गुरुजन को अपनी सफलता को श्रेय दिया। अन्य प्रतियोगी छात्रों को सलाह देते हुए कहा कि लक्ष्य बनाकर

मंडल कारा की महिला सिपाही बनी दारोगा

 मंडल कारा में सिपाही की पद पर कार्यरत इसिका नारायण ने दारोगा के पद पर सफलता हासिल की है। महिला सिपाही मूलत: गया जिले के रामपुर एसबीएस कालोनी की रहने वाली हैं। महिला सिपाही की इस उपलब्धि पर जेल प्रशासन ने बधाई दी है। वह 2017 से नवादा मंडल कारा में पदस्थापित हैं। इसिका बताती हैं कि उनकी मम्मी शांति देवी आंगनबाड़ी सेविका हैं और इस मुकाम तक पहुंचाने में उनका सबसे बड़ा हाथ रहा। उन्होंने बताया कि शुरू से ही कुछ बड़ा करने की इच्छा थी। जेल सिपाही के पद पर काम करते हुए अपने सहयोगियों के साथ तैयारी जारी रखी। ड्यूटी के बाद खाली समय में प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयारी करती रही। मंडल कारा के सहयोगियों के साथ ग्रुप डिस्कसन किया। वह कहती हैं कि लक्ष्य बनाकर काम करने से सफलता निश्चित मिलती है।

 सहायक जेल अधीक्षक, सार्जेंट, दारोगा पद पर सफल प्रतिभागियों को बुधवार को सम्मानित किया गया। हरिश्चंद्र स्टेडियम में सफल प्रतिभागियों को माला पहनाकर व बुके देकर सम्मानित किया गया। सहायक जेल अधीक्षक के पद पर जूही कुमारी, सार्जेंट पद पर प्रिया कुमारी, दारोगा पद पर निशा कुमारी सिन्हा, कुमारी जूही, गौतम कुमार, चितरंजन कुमार, मुकुल आजाद, विपुल कुमार, राजेश चौधरी, प्रवीण कुमार, मनोज कुमार, प्रवीण कुमार, मनीष ङ्क्षसह, राजू कुमार पटेल, मोनू कुमार आदि को सम्मानित करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की गई। मौके पर सुनील प्रसाद, रंजीत कुमार 1, रंजीत कुमार 2 आदि उपस्थित रहे।

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