Bihar Police SI Result: रोहतास के किसान की बहु कंचन बनीं दारोगा, कहा- ससुरालवालों ने मिथक तोड़ने की दी हिम्मत
सासाराम जिला के करगहर प्रखंड के ठोरसन गांव की लड़कियों की सफलता का दौर जारी है। इस गांव की बहू कंचन कुमारी ने शादी के बाद दारोगा बनने के सपने के साकार कर दिखाया। अमृता कुमारी भी बीपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल कर आपूर्ति पदाधिकारी बनीं।
करगहर (रोहतास), संवाद सूत्र। कहते हैं कि प्रतिभा जन्म से मिलती है, लेकिन वह निखरती मेहनत से है। प्रखंड के पूर्वी ठोरसन गांव के निवासी गोपाल सिंह की बहू व रवि कुमार पटेल की पत्नी कंचन कुमारी ने दारोगा परीक्षा में सफल होकर इस उक्ति को चरितार्थ किया है। कंचन ने दारोगा बन न सिर्फ ससुराल बल्कि मायके का भी नाम रोशन किया है, बल्कि पूरा गांव और समाज उनकी सफलता पर गर्व कर रहा है। स्वजन उनकी सफलता पर खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। वहीं कंचन कुमारी का कहना है कि ससुरालवालों ने शादी के बाद भी पढ़ाई जारी रखने और पुरुषों के वर्चस्व वाले क्षेत्र में कॅरियर बनाने की हिम्मत दी।
गौरतलब है कि दो सप्ताह पूर्व ठोरसन गांव की ही निवासी कंचन कुमारी की पड़ोसी अमृता कुमारी भी बीपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल कर आपूर्ति पदाधिकारी बनी है। दोनों की सफलता पर उनके रिश्तेदारों व शुभचिंतकों द्वारा बधाई देने का सिलसिला जारी है। ठोरसन गांव अपनी बेटी-बहू पर गर्व कर रहा है।
सिर्फ पुरुष ही योग्य हैं, टूटा यह मिथक
स्वजनों के अनुसार कंचन बाल्यावस्था से ही पढ़ने में होनहार थी। उसने अपने मायके कोचस हाई स्कूल से मैट्रिक पास करने के बाद गिरीश नारायण मिश्र महाविद्यालय परसथुआ से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। पढ़ाई के प्रति उसकी लगन व मेधा देख ससुराल वालों ने सहयोग व प्रोत्साहन देना शुरू किया और तैयारी के लिए उसे पटना भेज दिया। इस सफलता का श्रेय कंचन अपने माता पिता, सास ससुर, पति व भसुर काे देती हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग में कार्य करने के सिर्फ पुरुष ही योग्य हैं, यह मिथक अब टूट गया है। दारोगा बन कानून का पालन करते हुए समाज की सेवा करूंगी। कंचन कहती हैं कि शादी के बाद घर-परिवार की जिम्मेदारियां बढ़ जाती है, ऐसे में पति व ससुरालवालों ने बहुत साथ दिया।