Bihar Panchayat Chunav 2021: कुदरा में बुधवार को शाम पांच बजे से थम जाएगा चुनाव प्रचार

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत कुदरा प्रखंड में 22 सितंबर को शाम 500 बजे चुनाव प्रचार बंद हो जाएगा। उसके बाद से मतदान की अवधि तक किसी प्रत्याशी को चुनाव प्रचार नहीं करना है। प्रत्याशी उन वाहनों का इस्तेमाल भी नहीं कर सकेंगे।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 03:32 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 03:32 PM (IST)
Bihar Panchayat Chunav 2021: कुदरा में बुधवार को शाम पांच बजे से थम जाएगा चुनाव प्रचार
कुदरा में बुधवार को थम जाएगा चुनाव प्रचार। सांकेतिक तस्‍वीर।

संवाद सूत्र, कुदरा (भभुआ)। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत कुदरा प्रखंड में 22 सितंबर को शाम 5:00 बजे चुनाव प्रचार बंद हो जाएगा। उसके बाद से मतदान की अवधि तक किसी प्रत्याशी को चुनाव प्रचार नहीं करना है। प्रत्याशी उन वाहनों का इस्तेमाल भी नहीं कर सकेंगे, जिसकी अनुमति उन्हें चुनाव प्रचार के लिए प्रशासन के द्वारा दी गई है। मुखिया, सरपंच व पंचायत समिति सदस्य पद के उम्मीदवार मतदान बूथ का दौरा व प्रचार से इतर अन्य कार्यों के लिए चाहें तो प्रशासन से एक बाइक के इस्तेमाल की अनुमति ले सकते हैं। हालांकि, उस वाहन का इस्तेमाल भी उन्हें प्रशासन की अनुमति के बिना नहीं करना होगा। यह जानकारी देते हुए निर्वाची पदाधिकारी प्रखंड विकास पदाधिकारी अशोक कुमार और प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी रंजीत कुमार ने बताया कि मतदान को लेकर तैयारी तेज गति से चल रही है।

इस बार चूंकि मतदान में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का भी इस्तेमाल होना है इसलिए उसको लेकर प्रशासन का कार्य इस बार बढ़ गया है। इन दिनों इलेक्ट्रॉनिक वोङ्क्षटग मशीन की कमीशनिंग का काम चल रहा है। बता दें कि कुदरा प्रखंड में 24 सितंबर को पहले चरण में मतदान होना है। मतगणना 26 व 27 सितंबर को होगी। जैसे जैसे मतों की गिनती पूरी होगी चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे। इस बीच चुनाव प्रचार को लेकर प्रत्याशियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। मतदाताओं को रिझाने के लिए वे कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। हालांकि, प्रचार के दौरान प्रत्याशियों के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं। जो लोग पहले अपने गांव में भी कार से चलते थे, वे पंचायत के अन्य गांवों में भी मतदाताओं के दरवाजे पर पैदल घूमते नजर आ रहे हैं।

ग्रामीणों की मानें तो जो लोग कार में बैठे-बैठे उन्हें बात करने के लिए बुलाते थे अब उनसे चुनाव की बात करने के लिए पैदल चलते हुए उनके दरवाजे पर आ रहे हैं। मतदाता मालिक बने हुए हैं और वे अपने इस मालिकाना हक का खूब आनंद उठा रहे हैं। कुछ पंचायतों में तो प्रत्याशियों के द्वारा मतदाताओं की आवभगत की होड़ लगी है। प्रत्याशियों के द्वारा मतदाताओं को मुर्गा और मछली के शिकार की दावत दी जा रही है। कुछ खास लोगों को शराब भी मुहैया कराए जाने की बात कही जा रही है। हालांकि यह सब गोपनीय तरीके से हो रहा है।

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